लॉस एंजिल्स। शोधकर्ताओं ने अनुभव और प्रयोग के आधार पर पहली बार यह पता लगाया है कि कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति के सूंघने और स्वाद चखने की क्षमता को प्रभावित करता है।
‘इंटरनेशनल फोरम ऑफ एलर्जी एंड रायनोलॉजी’ पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन के मुताबिक, ऐसा व्यक्ति जिसमें इंफ्लूएंजा के लक्षण हों और उसके सूंघने तथा स्वाद चखने की क्षमता प्रभावित हो रही हो तो वह कोविड-19 का मरीज हो सकता है।
अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया सैन डिएगो में ईएनटी की डॉक्टर और अध्ययन की सह-लेखिका कैरोल यान ने कहा कि हमारे अध्ययन के अनुसार, अगर आपके सूंघने की और स्वाद चखने की क्षमता कम हो गई है तो आपके कोरोना वायरस से संक्रमित होने का खतरा 10 गुना ज्यादा है।
यान ने बताया कि कोविड-19 का मुख्य लक्षण अभी भी बुखार ही है, लेकिन थकान, सूंघने और स्वाद चखने की क्षमता में कमी भी उसके सामान्य शुरुआती लक्षणों में शामिल हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि कोविड-19 बेहद संक्रामक वायरस है। यह अध्ययन कोविड-19 के शुरुआती लक्षणों के तौर पर सूंघने और स्वाद चखने की क्षमता में कमी की पुष्टि करता है।’’
अनुसंधानकर्ताओं ने यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया सैन डिएगो में तीन से 29 मार्च, 2020 के बीच कोविड-19 संक्रमण की जांच के लिए आए 1,480 मरीजों के लक्षणों आदि का विश्लेषण किया है। इनमें से 102 जांच में संक्रमित पाए गए जबकि 1,378 में संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई। (भाषा)