प्रस्ताव में कहा गया है, यह स्थिति मोदी सरकार की नाकामी का सबूत है। ये इस बात का भी सबूत है कि मोदी सरकार ने लगातार वैज्ञानिक सोच और वैज्ञानिकों की सलाह पर काम करने से इंकार किया। कांग्रेस कार्य समिति ने मोदी सरकार की टीकाकरण नीति को त्रुटिपूर्ण करार देते हुए कहा कि राज्यों को टीके की आपूर्ति नहीं हो रही है और तीन-तीन कीमतों के चलते उसकी नीति में भेदभाव दिखाई देता है।
प्रस्ताव में दावा किया गया है, 18 से 44 साल आयु वर्ग की भारत की युवा आबादी को कोरोना निरोधक टीका लगाने की जिम्मेदारी से भारत सरकार ने अपना पल्ला झाड़ लिया है और इसका सारा आर्थिक बोझ प्रांतों के ऊपर जबरन लाद दिया है।
सेंट्रल विस्टा परियोजना का उल्लेख करते हुए प्रस्ताव में दावा किया गया है, यह जनता के पैसे की आपराधिक बर्बादी है। सीडब्ल्यूसी ने कहा, राष्ट्रीय एकता और राष्ट्रीय संकल्प से ही कोरोना महामारी से लड़ा जा सकता है, बिल्कुल एकजुट होकर। इसके लिए प्रधानमंत्री को अपनी गलतियां स्वीकार कर नए सिरे से कोरोना से लड़ने के लिए स्वयं को और अपनी सरकार को समर्पित करना होगा।
कार्य समिति के प्रस्ताव में कहा गया है, कांग्रेस पार्टी कोरोना 19 महामारी में हर प्रकार के रचनात्मक कदम, जो सरकार उठाएगी, में उसके साथ सदैव खड़ी रहेगी। उसने कोरोना संकट में भारत की मदद करने वाले देशों और संगठनों का भी आभार प्रकट किया।(भाषा)