वॉशिंगटन। अगर कोई शख्स कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 से संक्रमित होता है और शुरुआती स्तर पर ही उसकी जांच की जाती है तो नतीजों में ऐसा हो सकता है कि वह संक्रमित न पाया जाए जबकि असल में वह इस बीमारी की चपेट में आ चुका होता है। एक अध्ययन में यह दावा करते हुए कहा गया है कि इस विषाणु की जांच लक्षण दिखाई देने के तीन दिन बाद करना बेहतर होता है।
यह अध्ययन पत्रिका ‘ऐनल्ज़ ऑफ इंटरनल मेडिसिन’ में प्रकाशित हुआ है। अमेरिका के जॉन्स हॉप्किन्स विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने अस्पताल में भर्ती मरीजों समेत कई अन्य मरीजों के मुंह के लार के 1,330 नमूनों का विश्लेषण किया।
उन्होंने कहा, संक्रमित न पाए जाने पर हम मानते हैं कि यह जांच सही है और इससे दूसरे लोगों की जान जोखिम में पड़ जाती है।वैज्ञानिकों के अनुसार जिन मरीजों के कोरोनावायरस की चपेट में आने की अधिक आशंका होती है उनका संक्रमित मानकर इलाज करना चाहिए खासतौर से अगर उनमें कोविड-19 के अनुरूप लक्षण हैं।