AIIMS में मंगलवार से 6-12 वर्ष के बच्चों में Covaxin के परीक्षण के लिए नामांकन

सोमवार, 14 जून 2021 (16:54 IST)
नई दिल्ली। देश के स्वदेशी तौर पर विकसित पहले कोरोनावायरस (Coronavirus) रोधी टीके कोवैक्सीन के 6 से 12 साल के बच्चों में नैदानिक परीक्षण के लिए मंगलवार को यहां एम्स में नामांकन शुरू होगा। इसके बाद 2 से 6 साल के आयु वर्ग के बच्चों पर नैदानिक परीक्षण किया जाएगा। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में 12-18 आयु वर्ग के स्वयंसेवकों के नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और उन्हें कोवैक्सीन की पहली खुराक दी गई है।

एम्स में सेंटर फॉर कम्युनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर, डॉ. संजय राय ने बताया, छह से 12 साल के बच्चों पर कोवैक्सीन के नैदानिक परीक्षण के लिए नामांकन प्रक्रिया मंगलवार को शुरू होगी। भारत को औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने 12 मई को दो से 18 साल आयुवर्ग के बच्चों में भारत बायोटेक के कोवैक्सीन के दूसरे और तीसरे चरण के नैदानिक परीक्षण करने की मंजूरी दे दी थी।

यह परीक्षण तीन हिस्सों में होना है और इसके तहत 12-18, 6-12 और 2-6 साल आयुवर्ग के 175-175 स्वयंसेवकों के तीन समूह बनेंगे। परीक्षण के दौरान टीके की दो खुराक मांसपेशियों में दी जाएंगी, जिनमें से दूसरी खुराक पहली खुराक लगने के 28वें दिन दी जाएगी।

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के साथ मिलकर भारत बायोटेक द्वारा स्वदेश में कोवैक्सीन का निर्माण किया गया है और यह फिलहाल देशभर में चल रहे टीकाकरण अभियान के दौरान वयस्कों को दी जा रही है।
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नैदानिक परीक्षण बच्चों में टीके की सुरक्षा, प्रतिक्रियात्मकता और प्रतिरक्षण क्षमता का मूल्यांकन करेंगे। सरकार ने हाल में चेताया था कि कोविड-19 ने भले ही अब तक बच्चों में गंभीर रूप अख्तियार न किया हो लेकिन वायरस के व्यवहार या महामारी विज्ञान की गतिशीलता में अगर बदलाव हुआ तो बच्चों में इसका प्रभाव बढ़ सकता है। उसने कहा था कि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयारियों को मजबूत किया जा रहा है।(भाषा)

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