देहरादून। देश के प्रख्यात पर्यावरणविद सुंदरलाल बहुगुणा के कोरोनावायरस से संक्रमित होने से उन्हें एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया है। करीब 94 वर्षीय बहुगुणा को बुखार व खांसी की शिकायत है। फिलहाल सांस लेने में उन्हें कोई परेशानी नहीं है। एम्स के जनसंपर्क अधिकारी हरीश मोहन थपलियाल ने बताया कि पर्यावरणविद् सुन्दरलाल बहुगुणा को शनिवार दोपहर करीब 12.30 बजे एम्स ऋषिकेश लाया गया था। उनकी कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव है।
चिपको आंदोलन के प्रणेता सुंदरलाल बहुगुणा का जन्म 9 जनवरी सन 1927 को उत्तराखंड के मरोडा नामक स्थान पर हुआ। प्राथमिक शिक्षा के बाद वे लाहौर चले गए और वहीं से बीए किया। सन 1949 में मीराबेन व ठक्कर बाप्पा के सम्पर्क में आने के बाद ये दलित वर्ग के विद्यार्थियों के उत्थान के लिए प्रयासरत रहे। उनके लिए टिहरी में ठक्कर बाप्पा होस्टल की स्थापना भी की। दलितों को मंदिर प्रवेश का अधिकार दिलाने के लिए उन्होंने आंदोलन छेड़ दिया।
उत्तराखंड में बड़े बांधों के विरोध में उन्होंने काफी समय तक आंदोलन किया। बहुगुणा के कार्यों से प्रभावित होकर अमेरिका की फ्रेंड ऑफ नेचर नामक संस्था ने 1980 में उन्हें पुरस्कृत भी किया। इसके अलावा उन्हें कई सारे पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। पर्यावरण को स्थाई सम्पति मानने वाला यह महापुरुष पर्यावरण गांधी नाम से भी जाना जाता है।