इसके अलावा 11 नवंबर तक शोध के हिस्से के रूप में किसी भी तरह की अप्रत्याशित प्रतिकूल घटनाओं की पहचान नहीं की गई थी। टीका लगाए गए लोगों में से कुछ में थोड़े समय के लिए इंजेक्शन वाली जगह पर दर्द, फ्लू जैसे सिंड्रोम जिनमें बुखार, कमजोरी, थकान और सिरदर्द शामिल हैं, देखे गए थे।
नैदानिक परीक्षणों के दौरान टीके के सुरक्षा संबंधी मानकों की लगातार निगरानी की जा रही है और इस प्रकार की जानकारी का विश्लेषण स्वतंत्र निगरानी समिति द्वारा किया जाता है जिसमें प्रमुख रूसी वैज्ञानिक शामिल होते हैं। संग्रह, गुणवत्ता नियंत्रण और डाटा प्रोसेसिंग मानकों के अनुरूप और मॉस्को के स्वास्थ्य विभाग और क्रोकस मेडिकल, अनुबंध अनुसंधान संगठन (सीआरओ) को सक्रिय भागीदारी में शामिल किया गया है।
वर्तमान में स्पूतनिक के तीसरे क्लिनिकल परीक्षण को मंजूरी दे दी गई है और यह बेलारूस, यूएई, वेनेजुएला और अन्य देशों के साथ-साथ भारत में दूसरे तथा तीसरे चरण में चल रहा है। बुजुर्ग लोगों के लिए वैक्सीन की सुरक्षा और इम्युनोजेनेसिटी का एक अलग विस्तृत अध्ययन किया जा रहा है।