मंत्रालय ने मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) कहा कि अक्टूबर से दिसंबर के बीच धार्मिक पूजा, मेलों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों, जुलूसों आदि के लिए बड़े समारोह आयोजित होते हैं। ऐसे में यह महत्वपूर्ण है कि इस तरह के आयोजनों के लिए आवश्यक निवारक उपायों का पालन किया जाए। ऐसे कार्यक्रम एक दिन या एक सप्ताह या उससे भी अधिक समय तक चलते हैं।
एसओपी में कहा गया है कि जहां तक संभव हो रिकॉर्ड किए गए भक्ति संगीत या गाने बजाए जाएं और गायन समूहों को अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। एसओपी के अनुसार भौतिक दूरी के मानदंडों को ध्यान में रखते हुए कार्यक्रम स्थलों में सभी स्थानों पर उचित चिह्न होना चाहिए। साथ ही केवल उन कर्मचारियों और आगंतुकों को ही आने की अनुमति दी जाए, जिनमें संक्रमण के लक्षण नहीं हैं।
एसओपी के अनुसार सभी कर्मचारियों और आगंतुकों को प्रवेश की अनुमति तभी दी जाएगी जब वे मास्क का उपयोग कर रहे हों। हर समय न्यूनतम छह फुट की भौतिक दूरी का पालन करने को भी कहा गया है। कई दिनों या हफ्तों तक चलने वाले कार्यक्रमों में हमेशा एक जैसी भीड़ नहीं होती है। आमतौर पर दिन के कुछ घंटों में ही भीड़ ज्यादा होती है।
एसओपी के अनुसार सक्षम अधिकारी स्थानीय आकलन के अनुसार अपने क्षेत्र में अतिरिक्त उपायों को लागू कर सकते हैं जो गृह मंत्रालय द्वारा दी गयी अनुमति के अनुरूप हो। इसके अलावा थर्मल स्क्रीनिंग पर भी जोर दिया गया है। सामाजिक दूरी, मास्क जैसे प्रावधानों पर नजर रखने के लिए क्लोज-सर्किट कैमरे आदि पर विचार किया जा सकता है।