एक सूत्र ने कहा कि हम केवल मॉडर्ना से ही नहीं बल्कि फाइजर, सीरम इंस्टीट्यूट, भारत बायोटेक और जाइडस कैडिला के साथ भी प्रत्येक टीके के क्लिनिकल परीक्षणें की प्रगति को लेकर संपर्क में हैं। नए औषधि और कॉस्मेटिक नियम 2019 के अनुसार यदि किसी दवा या टीके का परीक्षण हो चुका है और उसे भारत के बाहर नियामक मंजूरी मिल गई है, उसे सुरक्षित नियामक मंजूरी के लिए यहां दूसरे और तीसरे चरण के क्लिनिकल अध्ययन से गुजरना होगा।