नई दिल्ली। कोरोना से जंग में लॉकडाउन के बीच पलायन एक बड़ा संकट बनकर खड़ा हो गया है। दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर हजारों लोगों का जमावड़ा हो गया। भीड़ में जमा लोग सोशल डिस्टेंसिंग की भी धज्जियां उड़ा रहे हैं। इससे कोरोना के संक्रमण का खतरा भी बढ़ गया है। दिल्ली के आनंद विहार बस अड्डे पर भारी भीड़ जुट गई।
देशभर में लॉकडाउन होने के कारण आजीविका से हाथ धो बैठे हजारों दिहाड़ी मजदूर महिलाओं एवं बच्चों समेत अपने सिर एवं पीठ पर सामान लाद कर लंबी-लंबी कतारों में खड़े होकर दिल्ली के आनंद विहार अंतरराज्यीय बस अड्डे पर बसों में चढ़ने का इंतजार करते नजर आए।
केजरीवाल ने की अपील : मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को प्रवासी श्रमिकों से कोरोना वायरस का प्रसार रोकने के लिए जारी लॉकडाउन के चलते दिल्ली नहीं छोड़ने की अपील की और उन्हें आश्वासन दिया कि राज्य सरकार उनके लिए भोजन और रहने का इंतजाम कर रही है। उन्होंने कहा कि आप सरकार के मंत्री और विधायक विभिन्न क्षेत्रों में जा रहे हैं और प्रवासी मजदूरों से अपने गृह राज्य नहीं जाने की अपील कर रहे हैं।
कांग्रेस ने सरकार को ठहराया जिम्मेदार : कांग्रेस ने इस भयावह स्थिति के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि इस स्थिति के एक बड़ी त्रासदी में तब्दील होने से पहले सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए।
अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए प्रवासी कामगारों के लगातार पैदल चलने और पहले से ही खचाखच भरी बसों में घुसने की कोशिश करने के दृश्य देश के कई हिस्सों में नजर आ रहे हैं।
ये लाखों कामगार राजमार्गों या अंतरराज्यीय बस अड्डों पर फंसे हुए हैं। ऐसे में केंद्र सरकार ने राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को अपने-अपने गृह राज्य लौट रहे या ऐसा करने की कोशिश कर रहे प्रवासी श्रमिकों एवं अन्य लोगों के लिए तत्काल राहत शिविर स्थापित करने को कहा है।
राहुल-प्रियंका ने किया ट्वीट : कांग्रेस नेता राहुल ने ट्वीट किया कि 'सरकार इस भयावह हालात के लिए ज़िम्मेदार है। नागरिकों की ऐसी हालत करना एक बहुत बड़ा अपराध है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने गरीबों के पैदल पलायन का एक वीडियो शेयर करते हुए ट्वीट किया कि 'इन मजबूर हिंदुस्तानियों के साथ ऐसा सलूक मत कीजिए। हमें शर्म आनी चाहिए कि हमने इन्हें इस हाल में छोड़ दिया है। ये हमारे अपने हैं।
गृहमंत्री ने राज्यों को दिए आदेश : केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए घोषित किए गए 21 दिन के लॉकडाउन के दौरान प्रवासी कामगारों को पूरा सहयोग देने की प्रतिबद्धता जताई है।
केंद्र ने राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा कि वे 21 दिवसीय बंद के कारण प्रभावित प्रवासी मजदूरों को भोजन एवं आश्रय मुहैया कराने के लिए राज्य आपदा राहत कोष (एसडीआरएफ) का इस्तेमाल कर सकते हैं, जिसके लिए अगले वित्त वर्ष में 29,000 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।
गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव पुण्य एस. श्रीवास्तव ने बताया कि केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से अपने घरों को पलायन कर रहे प्रवासी मजदूरों के लिए शिविर स्थापित करने और उनकी स्वास्थ्य जांच करने को कहा है। (Photo courtesy : Twitter)