ऐसे संकट भरे समय में भारत में कुछ व्यक्तियों, हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स, सरकारी अधिकारियों और सामाजिक संगठनों ने दूसरों की मदद करने और उन्हें बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल दी है।
डॉक्टर, नर्स, मेडिकल सपोर्ट स्टाफ, पुलिसकर्मी, समाजसेवी और चैरिटी संगठनों ने इस जंग में अपनी जान की भी परवाह नहीं की। ऐसे ही लोगों का कोरोना फ्रंटलाइन वॉरियर्स का प्रतिकात्मक रूप से सम्मान करते हुए राशिद खान ने आसमान में तिरंगा लहराया।
गुजरात में जन्मेंं और दुबई में रह रहे 29 साल के उद्यमी मोहम्मद राशिद खान इन फ्रंटलाइन वॉरियर्स के प्रति सहानुभूति रखते हैं। वे कहते हैं कि असली नायक वे हैं जिन्होंने बिना एक सेकंड की देरी किए देश की निस्वार्थ सेवा की और अपने जीवन या परिवार के बारे में नहीं सोचा। मैं वास्तव में उस तरह की सेवा और बलिदान के लिए ऋणी हूं जो उन्होंने पिछले महीनों में दी है।
यह अभूतपूर्व समय हेल्थकेयर वर्कर्स, विशेषरूप से डॉक्टरों के लिए, बेहद चुनौतीपूर्ण रहा है। उन्होंने अतिरिक्त मेहनतकर जीवन बचाने के लिए अपना बेस्ट दिया है। इन बहादुर फ्रंटलाइन वॉरियर्स के सम्मान और साथी भारतीयों के प्रति उनके योगदान के प्रतीक के रूप में उन्होंने दुबई के पामड्रॉपजोन में उच्चतम संभव ऊंचाई से भारतीय ध्वज को लहराया है जो अपने आप में प्रशंसा के लायक है।
राशिद कहते हैं कि मैं उन सभी के लिए अपना प्यार और सम्मान दिखाना चाहता था जिन्होंने बहादुरी से लड़ाई लड़ी है और अपना जीवन समर्पित किया है। संकट के समय साथी समुदाय के सदस्यों के कल्याण के लिए काम करनेवाले लोगों को सलामी देने के लिए भारतीय ध्वजको लहराने से बेहतर और क्या हो सकता था। मैं इस जेश्चर के जरिए अपने प्यार और सम्मान को प्रकट करने पर बेहद गर्व महसूस कर रहा हूं। हम जितना सम्मान करते हैं, वह इन रियल-लाइफ सुपरहीरो के कामों के सामने कम पड़ता है।