इंदौर। कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते लागू देशव्यापी लॉकडाउन के बीच अपने मूल निवास स्थानों को लौट रहे प्रवासी मजदूरों के लिए मदद का हाथ बढ़ाते हुए मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में पुलिस ने जगह-जगह भोजनशालाएं खोल दी हैं।
पुलिस के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि प्रवासी मजदूरों और गरीब तबके के अन्य राहगीरों के लिये जिले के क्षिप्रा, सिमरोल, बड़गोंदा, मानपुर, किशनगंज और बेटमा क्षेत्रों में भोजनशालाएं चलायी जा रही हैं। पुलिस कर्मियों और समाजसेवी संस्थाओं के स्वयंसेवकों द्वारा इन भोजनशालाओं का जिम्मा संभाला जा रहा है।
पुलिस ने प्रवासी मजदूरों के लिए चलाई जा रहीं भोजनशालाओं के बाहर बैनर भी लगा रखा है जिस पर मनुहार भरे लहजे में लिखा है- ‘कृपया भोजन करके जाएं।‘ प्रवासी मजदूरों के लिये अलग-अलग स्थानों पर पेयजल का भी इंतजाम किया गया है।
अधिकारी ने बताया कि खासकर महाराष्ट्र और गुजरात से पलायन करने वाले प्रवासी मजदूर इंदौर जिले से होते हुए अपने मूल निवास स्थानों की ओर जा रहे हैं। इनमें बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी हैं जो चिलचिलाती गर्मी के बीच अपने परिवार के साथ सैकड़ों किलोमीटर का मुश्किल सफर तय करने के लिये पैदल ही चल पड़े हैं। घर लौट रहे प्रवासी मजदूरों में उत्तरप्रदेश के लोगों की तादाद सबसे ज्यादा है।
यातायात पुलिस के उपाधीक्षक (डीएसपी) उमाकांत चौधरी पिछले कई दिनों से इंदौर जिले के क्षिप्रा क्षेत्र में वाहनों की जांच कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि परिवहन के वैध पास वाले उन वाहनों को आगे बढ़ने की अनुमति दी जा रही है जो प्रवासी मजदूरों को उनके गंतव्यों तक ले जा रहे हैं। गुजरात सरकार ने प्रवासी मजदूरों की घर वापसी के लिए बड़ी तादाद में ऐसे पास जारी किए हैं। (भाषा)