मुख्यमंत्री ने कोरोना वायरस के उपचार में प्लाजमा पद्धति को बढ़ावा देने और उसके लिए प्रदेशभर में प्लाजमा दान शिविर आयोजित करने के निर्देश दिए। उन्होंने संदिग्ध मरीज का नमूना लेने के समय उसे संक्रमण न फैले, इसके प्रति जागरूक कर उसके स्वयं के एवं अन्य परिजनों के हित में जांच का परिणाम आने तक घर पर ही रहने की हिदायत देने को कहा।
उन्होंने घनी आबादी वाले क्षेत्रों में बुजुर्गों तथा संभावित मरीजों के साथ-साथ संक्रमण फैलाने वाले संदिग्ध लोगों पर विशेष ध्यान देने तथा उनकी नियमित जांच करने का सुझाव दिया। बैठक में बताया गया कि वर्तमान में प्रदेश में करीब 17,000 लोग संस्थागत पृथकवास में हैं जिनकी निगरानी की जा रही है।
बैठक में चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा, मुख्य सचिव राजीव स्वरूप, पुलिस महानिदेशक भूपेन्द्र सिंह, अति. मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, अति. मुख्य सचिव गृह रोहित कुमार सिंह, अति. मुख्य सचिव खान सुबोध अग्रवाल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। (भाषा)