लखनऊ। उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ में प्रतिदिन करीब 70,000 लोगों को उनकी मंजिल तक पहुंचाने वाली लखनऊ मेट्रो ट्रेन सेवा तो फिलहाल बंद है लेकिन मेट्रो डिपो की कैंटीन सामुदायिक रसोई के रूप में काम कर रही है और जरूरतमंद लोगों के लिए रोजाना 1,000 पैकेट भोजन तैयार कर रही है।
उत्तरप्रदेश मेट्रो के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने गुरुवार को एक विशेष बातचीत में कहा कि बंद के दौरान अन्य पब्लिक ट्रांसपोर्ट की तरह मेट्रो सेवा भी बंद है। इस समय अनेक मजदूर ऐसे हैं, जो अलग-अलग शहरों के हैं लेकिन लखनऊ में फंस गए हैं। ऐसे में लखनऊ मेट्रो नगर निगम के साथ मिलकर अपने किचन के कर्मचारियों से खाना बनवाकर नगर निगम को भेज रहा है ताकि जरूरतमंदों तक खाना पहुंचाया जा सकें। खाना बनाने का काम किचन के कर्मचारी कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि यह खाना मेट्रो की डिपो कैंटीन में बहुत ही साफ-सुथरे वातावरण में बनाया जाता है और फिर उसे पैक करके नगर निगम की मदद से शहर के विभिन्न रैन बसेरों और अन्य स्थानों पर जहां लोगों के रुकने की व्यवस्था की गई, वहां वितरित किया जाता है।
प्रबंध निदेशक ने बताया कि पहले दिन नगर निगम ने उन्हें 500 पैकेट खाना बनाने को कहा था तथा बाद में 750 पैकेट और आज करीब 1,000 पैकेट खाना बनाने को कहा गया है। इसके लिए राशन और अन्य सामग्री नगर निगम उपलब्ध कराता है।
उन्होंने कहा कि वैसे तो बंद के कारण मेट्रो बंद है लेकिन फिर भी हमारा स्टाफ एक खाली ट्रेन सुबह और एक शाम को चलाता है ताकि हमारी व्यवस्था बिलकुल ही ठप न हो जाए और जैसे ही हमें ट्रेन चलाने का आदेश हो, वैसे ही तुरंत हम मेट्रो चलाकर यात्रियों की सेवा कर सकें।
केशव ने बताया कि लखनऊ मेट्रो में करीब 850 कर्मचारी काम करते हैं लेकिन आजकल केवल जरूरी स्टाफ को ही बुलाया जा रहा है। बंद के दौरान किसी भी कर्मचारी का वेतन नहीं काटा गया और 31 मार्च को सभी कर्मचारियों का वेतन उनके खाते में पहुंच गया है।