उन्होंने कहा कि अमेरिका में हुए शोध बताते हैं कि यह सिंगल डोल एंटीबॉडी ड्रग थैरेपी कोरोना वायरस के ब्रिटिश, ब्राजीलियाई और दक्षिण अफ्रीकी वैरिएंट पर प्रभावी है. लेकिन अभी तक किसी ने भी इसे डेल्टा वैरिएंट पर टेस्ट नहीं किया है। बहरहाल हैदराबाद में हम लगातार इस पर शोध कर रहे हैं कि क्या यह कोरोना वायरस के म्यूटेंट पर असरदार है या नहीं।