नई दिल्ली। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने लॉकडाउन के बावजूद निजामुद्दीन में हजारों की संख्या में तब्लीगी समाज के जुटने पर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए इसे तालिबानी जुर्म करार देते हुए कहा है कि इसे माफ नहीं किया जा सकता है।
नकवी ने कहा कि एक तरफ जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पूरा देश कोरोना वायरस के प्रकोप की चुनौती से पार पाने में जुटा है वहीं तब्लीगी समाज ने लॉकडाउन के बावजूद इतनी बडी संख्या में एकत्रित होकर गंभीर अपराध किया है। यह जान-बूझकर किया गया अपराध है, जो माफ नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने ट्वीट कर कहा कि तबलीगी जमात का तालिबानी जुर्म... यह लापरवाही नहीं कि गंभीर आपराधिक हरकत है। जब पूरा देश एकजुट होकर कोरोना से लड़ रहा है तो ऐसे गंभीर गुनाह को माफ नहीं किया जा सकता। (वार्ता)