लॉस एंजिलिस। शोधकर्ताओं ने पाया है कि कोरोनावायरस (Coronavirus) अपने लक्षित उत्तकों में प्रोटीन को निशाना बनाता है और फिर लंबी श्रृंखला बनाकर नजदीक के उत्तक तक पहुंचता है और संक्रमण फैलाता है। इस शोध से क्लीनिकली स्वीकृत ऐसी दवाओं की पहचान हो सकेगी, जो वायरस की इस प्रक्रिया को बाधित कर सकती है।
अमेरिका के ईएमबीएल के यूरोपीय बायोइन्फॉर्मेटिक्स इंस्टीट्यूट (ईएमबीएल-ईबीआई) और कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय सैन फ्रांसिस्को के वैज्ञानिकों ने वायरस, जिनमें कोरोनावायरस सार्स कोव-टू के वायरस भी शामिल हैं, वे उत्तकों पर नियंत्रण करते हैं और नए वायरल कण उत्पादित करने के लिए इसमें छेड़छाड़ करते हैं।
पत्रिका सेल में रविवार को प्रकाशित अध्ययन में वैज्ञानिकों ने सभी मूल एवं वायरल प्रोटीन का विश्लेषण किया, जिसने सार्स कोव-टू संक्रमण के बाद एंजाइम की प्रक्रिया में बदलाव को दर्शाया, जिसे फॉसफोरिलेशन कहा जाता है।
शोधकर्ताओं के मुताबिक, मूल प्रोटीन में फॉसफोरिलेशन पैटर्न में बदलाव लाकर वायरस अपने संचरण को दूसरे उत्तकों तक प्रसार को बढ़ावा देता है। उन्होंने पाया कि वायरस के संपर्क में आने वाले 12 फीसदी तक मूल प्रोटीन बदल जाते हैं।(भाषा)