नई दिल्ली। देश में कोरोना के नए ओमिक्रॉन वेरिएंट के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। भारत में ओमिक्रॉन संक्रमितों का आंकड़ा 200 के पार पहुंच गया है। हालांकि राहत की बात यह भी है कि 200 में से 77 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। ओमिक्रॉन (Omicron) के खतरे को देखते हुए केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकारें भी अलर्ट हो गई हैं। क्रिसमस और नए साल के जश्न को देखते हुए राज्य सरकारों की तरफ से कई तरह की पाबंदियों (New Year Restrictions) का ऐलान भी किया जा रहा है।
इन सबके बीच केंद्र सरकार ने एक बार फिर राज्यों को ओमिक्रॉन को लेकर अलर्ट किया है। केंद्र ने राज्यों को चेतावनी देते हुए हुए कहा कि कोरोना से सबसे ज्यादा घातक साबित हुए डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant) के मुकाबले ओमिक्रॉन कम से कम 3 गुना ज्यादा संक्रामक है। केंद्र ने राज्यों को ओमिक्रॉन के प्रति अलर्ट करते हुए इससे रोकथाम के उपाय करने को कहा है।
राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को लिखे पत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने परीक्षण और निगरानी बढ़ाने के अलावा रात में कर्फ्यू लगाने, बड़ी सभाओं का सख्त नियमन, शादियों और अंतिम संस्कार कार्यक्रमों में लोगों की संख्या कम करने जैसे रणनीतिक निर्णय को लागू करने की सलाह दी।
पत्र में कहा गया है कि जिला स्तर पर कोविड-19 से प्रभावित जनसंख्या, भौगोलिक प्रसार, अस्पताल के बुनियादी ढांचे और इसके उपयोग, श्रमशक्ति, निषिद्ध क्षेत्र अधिसूचित करने, निषिद्ध क्षेत्रों की परिधि लागू करने आदि के संबंध में उभरते आंकड़ों की निरंतर समीक्षा होनी चाहिए। यह साक्ष्य जिला स्तर पर ही प्रभावी निर्णय लेने का आधार होना चाहिए।
भूषण ने पत्र में कहा कि इस तरह की रणनीति यह सुनिश्चित करती है कि संक्रमण राज्य के अन्य हिस्सों में फैलने से पहले स्थानीय स्तर पर ही नियंत्रित हो जाए। उन्होंने कहा कि कृपया वार रूम/ईओसी (आपातकालीन संचालन केंद्र) को सक्रिय करें और सभी स्थिति तथा वृद्धि का विश्लेषण करते रहें, चाहे वह कितनी भी छोटी क्यों न हो और जिला/स्थानीय स्तर पर सक्रिय कार्रवाई करें। क्षेत्र के अधिकारियों के साथ नियमित समीक्षा और इस संबंध में सक्रिय कार्रवाई निश्चित रूप से संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित करेगी।