सावधान! इंदौर में ऑनलाइन ठगी का शिकार हुई महिला, हम कैसे बचें...

इंदौर। Lockdown के चलते प्रत्यक्ष रूप से होने वाले अपराधों में भले ही इन दिनों पूरी दुनिया में ही कमी देखी जा रही हैं, लेकिन Corona काल में ऑनलाइन फ्रॉड की घटनाओं में तुलनात्मक रूप से क काफी वृद्धि हुई है। इसी कड़ी में इंदौर में एक महिला के साथ इसी तरह की घटना घटित हो गई, जिससे उसे करीब 40 हजार रुपए की चपत लग गई। 
 
दरअसल, राजेन्द्रनगर थाना क्षेत्र में रहने वालीं प्रिया दीक्षित ने डी मार्ट से कुछ समय पहले रोजमर्रा के सामान का ऑर्डर किया था, लेकिन सामान नहीं आने पर उन्होंने नंबर ढूंढकर डी मार्ट पर फोन लगाया तो उन्हें कहा गया है कि आप नए ग्राहक हैं। अत: आपको कुछ प्रोसेस पूरी करनी होगी। इसी बीच, उनसे कार्ड नंबर और एक्सपायरी डेट भी पूछी गई। चूंकि सामान नहीं आने से मानसिक रूप से परेशान प्रिया कुछ समझ पातीं इसी दौरान उनके खाते से पहले 19 हजार 999 रुपए और फिर 20 हजार निकल गए।
 
प्रिया दीक्षित ने वेबदुनिया को बताया कि शनिवार को 11 बजे के लगभग हुई इस घटना की लिखित शिकायत उन्होंने राजेन्द्रनगर थाने में कर दी है साथ ही इंदौर पुलिस की साइबर क्राइम शाखा को इसकी सूचना दे दी है, ‍जिसका शिकायत क्रमांक 10657 है। इसके अलावा उन्होंने संबंधित बैंक और ब्रांच को भी मेल पर सूचित कर दिया है।
 
उन्होंने बताया कि चूंकि दैनिक जरूरत का सामान लॉकडाउन के चलते आसानी से उपलब्ध नहीं है, अत: उन्होंने डी मार्ट से ऑर्डर किया था, लेकिन 3-4 दिन बाद भी सामान नहीं आने से वे मानसिक रूप से परेशान थीं।
साइबर अपराध बढ़े : उल्लेखनीय है कि हाल ही प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक Lockdown के दौरान महिलाओं के खिलाफ साइबर अपराध काफी हद तक बढ़े हैं। राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल में साइबर अपराध की 54 शिकायतें मिलीं जबकि मार्च में 37 और फरवरी में 21 शिकायतें मिली थीं। साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि असल में यह संख्या आंकड़ों से कहीं अधिक है। महिलाओं के खिलाफ होन वाले अपराधों में अकाउंट हैकिंग, बैंकिंग फ्रॉड, अभद्र व्यवहार, ब्लैकमेलिंग आदि शामिल है। 
 
... तो नहीं होगा नुकसान : ATM कार्ड या ऑनलाइन बैंकिंग में किसी फ्रॉड के मामले में अगर 3 दिन के भीतर बैंक को शिकायत कर दी जाती है तो आपका पैसा वापस मिल जाएगा। RBI की ओर से जारी सर्कुलर में भी कहा गया है कि बैंक अकाउंट से कोई फ्रॉड होता है और वह समय पर बैंक को इसकी सूचना देता है तो उसका नुकसान नहीं होगा। इस मामले में बैंक उसके पैसे की भरपाई कर देगा। हालांकि ऐसा भी कहा जाता है कि जब ग्राहक अपनी गलती की वजह से फ्रॉड का शिकार होता है तो बैंक कोई जिम्मेदारी नहीं लेता है। 
 
कैसे बचें फ्रॉड से? : सबसे पहले तो भूलकर भी पासवर्ड, पिन नंबर, OTP, कार्ड नंबर आदि किसी से शेयर न करें। यहां तक इस तरह की जानकारी बैंक भी आपसे नहीं मांगते। वित्तीय संस्थान समय-समय पर लोगों को SMS या ई-मेल के जरिए सूचित करते रहते हैं। ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करते समय, रिटेल आउटलेट या पेट्रोल पंप आदि पर अपने कार्ड का इस्तेमाल करते समय हमेशा सतर्क रहें।
 

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी