पेरिस की Ground Report : लोगों का जीवन के प्रति नजरिया बदला, रिश्तों को करीब से समझा...

डॉ. रमेश रावत

सोमवार, 8 जून 2020 (10:17 IST)
फ्रांस की राजधानी पेरिस जहां दुनिया का हर आदमी एक बार जाने की तमन्ना रखता है, लेकिन कोरोना काल (Corona) में सभी लोग घर की चार दीवारी में सिमटकर रह गए हैं। यूरोपीय एवं अन्य देशों से लगती सीमाएं सील हैं। कोरोना संकट को लेकर चीन के प्रति लोगों में काफी गुस्सा भी है। भारत के प्रवासी मयंक गुप्ता वेबदुनिया के पाठकों को बता रहे हैं कोरोना काल में खूबसूरत शहर पेरिस का हाल। 
 
मयंक गुप्ता ने वेबदुनिया के साथ खास बातचीत में बताया कि कोविड-19 के कारण घर पर रहने से जीवन में बहुत बदलवाव आए हैं। लोगों को जीवन में स्वच्छता के महत्व के बारे में पता चला। साथ ही मैंने काम एवं निजी जीवन के बीच संतुलन बनाए रखना सीख लिया है। रिश्तों का महत्व भी इस कालखंड में समझ में आया। परिजनों, दोस्तों एवं पर्यावरण को हमने काफी नजदीक से देखा और महसूस भी किया। अपनों के साथ वक्त बिताने के अलावा हम प्राकृतिक सौन्दर्य का भी भरपूर आनंद उठा रहे हैं। 
 
घर पर रहने के दौरान मैं अपनी पत्नी की घर के कामों में मदद करता हूं। फिट रहने के लिए व्यायाम करता हूं। कोविड एवं वर्तमान परिस्थितियों की जानकारी के लिए लिए नियमित अध्ययन करता हूं। यहां ऑनलाइन एवं होम डिलेवरी की सेवाएं बहुत कम होने के कारण हमें इन्हें व्यक्तिगत स्तर पर ही खरीदना पड़ता है। 
 
सूनी हैं सड़कें : अप्रैल एवं मई के महीने में कुछ बिजनेस मिटिंग एवं ट्रेड फेअर यूरोप के विभिन्न क्षेत्रों में पहले से ही निर्धारित थे, जिन्हें कोविड-19 के चलते अभी 6 महीने के लिए स्थगित कर दिया गया है। घर के बाहर सड़कें सूनी हैं। मुश्किल से ही आसपास के लोग दिखाई देते हैं। कोई वाहन भी दिखाई नहीं देता है। चारों ओर शांति है। हमें मनुष्यों की आवाजें कम और पक्षियों की आवाजें अधिक सुनाई देती हैं। 
हम सरकार के सभी दिशानिर्देशों का पालन कर रहे हैं। नियमित हाथ धोना, सेनिटाइजर का उपयोग करने के साथ ही जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलते हैं। बाहर निकलते समय मास्क का उपयोग करते हैं साथ ही सड़क पर लोगों से दूरी बनाकर रखते हैं। जरूरी सामान पर्याप्त मात्रा में घर में रखते हैं साथ ही बाहर से लाए गए सामान को साफ करने के बाद ही उपयोग में लेते हैं। 
 
सरकार ने उठाए हैं सही कदम : मीडिया समय-समय पर अपडेट कर रही है। करीब सभी टीवी चैनलों पर कोविड-19 से बचने संबंधी कार्यक्रमों एवं सरकारी नीतियों का प्रसारण होता रहता है। यहां समाचार ज्यादा सूचनात्मक है। यहां किसी भी प्रकार की फेक न्यूज अथवा अफवाहों का कोई स्थान नहीं है। सभी ने इटली में कोविड-19 के परिणामों से सीख ली है। 
 
गुप्ता मानते हैं कि भारत एवं फ्रांस की सरकारों ने कोविड-19 से निपटने के लिए उचित कदम उठाए हैं। इसी वजह से दोनों देशों में लाखों लोगों की जान बच पाई है। फ्रांस की सरकार ने लॉकडाउन के दौरान उचित एंव संख्त कदम उठाए हैं। संक्रमण को रोकने के लिए गरीबों, बेघर लोगों को एवं बुजुर्गों को होटल्स में स्थानांतरित किया गया है। कोई भी नियमों की अवहेलना करता है तो उस पर भारी जुर्माना लगाया जाता है। पेरिस में मास्क चोरी की घटनाएं भी हुई हैं। 
 
यदि किसी को जरूरी कार्य से बाहर जाना होता है तो उसके लिए एक फार्म ऑनलाइन इश्यू किया जाता है। इस अपने साथ रखना जरूरी होता है। इसमें कितने समय के लिए और क्यों बाहर जा रहे हैं, सभी बातों का उल्लेख होता है। यदि कारण अतिमहत्वपूर्ण लगता है तब ही घर से बाहर जाने की या यात्रा करने की अनुमति मिलती है। 
गुप्ता का कहना है कि ईश्वर से प्रार्थना है कि कोविड-19 से प्रभावित हर देश जल्दी कोरोना मुक्त हो जाएं। चीन एवं अमेरिका जैसी वैश्विक शक्तियों को इस समय आर्थिक एवं किसी भी प्रकार का वॉर न लड़कर इस महामारी से बाहर निकलने के उपाय करने चाहिए। 
 
अर्थव्यवस्था पर प्रभाव : कोविड-19 से व्यवसाय एवं नौकरियों पर भारी प्रभाव पड़ा है। वर्तमान में बहुत-सी कंपनियों ने कर्मचारियों के साथ हुए कांट्रेक्ट को कैंसिल कर दिया है अथवा वापस ले लिया है या फिर रोककर रखा है। व्यापार में बिक्री बहुत कम या न के बराबर हो रही है। व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। मेरे अनुसार सब कुछ व्यवस्थित होने में अभी दो साल लग सकते हैं। लगभग सभी प्रकार के बड़े एवं छोटे व्यवसाय का संचालन स्थिर-सा हो गया है। देश में पर्यटन, होटल एवं विमानन व्यवसाय सकल घरेलू उत्पाद का एक बड़ा हिस्सा है। इन उद्योगों पर भी व्यापक असर हुआ है। 
कोविड के चलते यह उद्योग फ्रांस ही नहीं पूरे विश्व में ठप हो गए हैं। अर्थव्यवस्था के ‍लिए यह एक बड़ा झटका है। इससे उबरने में बरसों लग जाएंगे। फ्रांस विश्व में प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। यहां पर्यटन बहुत प्रभावित हुआ है। अभी दुनिया के अधिकतर देशों में गर्मी है एवं यहां गर्मी में पर्यटन उद्योग चरम पर रहता है। लेकिन कोविड-19 के चलते इस बार पर्यटन की दृष्टि से फ्रांस सूना ही रहेगा। यहां तक कि सरकार ने फ्रांस से लगते अन्य यूरोपीय देशों की सीमाओं को भी सील कर दिया है। आसपास के सभी पर्यटन स्थल बंद हैं।
 
शहरी एवं उपनगरीय इलाके भी कोरोना से बहुत प्रभावित हुए है। हालांकि अधिकांश ग्रामीण इलाकों में संक्रमण का असर कम है। इन ग्रामीण इलाकों को अलग से चिन्हित कर के अलग रखकर यहां भी संपूर्ण लॉकडाउन का पालन किया गया है। साथ ही कोविड-19 को रोकने के लिए सभी प्रकार के उपाय किए जा रहे हैं। पहले सार्वजनिक स्थान पूर्णत: गुलजार रहते थे, अब सूने पड़े हैं एवं बंद हैं। 
चीन के प्रति गुस्सा : फ्रांस में सरकार एवं विपक्ष महामारी को लेकर चीन के रवैए से खुश नहीं है। साथ ही यहां लोगों का मानना है कि आज पूरी दुनिया की कोविड-19 के कारण जो स्थिति हुई है, उसके लिए चीन जिम्मेदार है। लोगों में चीन को लेकर गुस्सा भी है। सरकार इस बात को लेकर चिंतित है कि किस प्रकार से लोगों के दैनिक जीवन को ठीक किया जाए। 
 
कोविड-19 महामारी ने दुनिया के साथ सभी के जन-जीवन को रोक दिया है। इसके साथ ही सभी को महत्वपूर्ण पहलुओं पर सोचने के लिए मजबूर कर दिया है। लोगों का जीवन के प्रति नजरिया बदल गया है। इनमें मुख्य रूप में कमाने एवं रहने से अधिक लोग जिंदगी को ज्यादा महत्व दे रहे हैं। गुप्ता कहते हैं कि मेरी कामना है कि लोग कोविड-19 के साथ जीना सीख जाएं। साथ ही हमारे वैज्ञानिक जल्द ही कोविड 19 के संक्रमण को रोकने के लिए जल्द ही कोई वैक्सिन बनाने में कामयाब हो जाएं। 

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