कोरोना काल में प्रवासी मजदूरों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सरकार के प्रयासों के बाद भी मजदूरों को सड़कों पर दर्दभरे सफर से गुजरना पड़ रहा है। प्रवासी मजदूरों को लेकर राज्य सरकारों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी जारी है। प्रवासी मजदूरों को लेकर उत्तरप्रदेश सरकार और शिवसेना में तकरार हो गई। शिवसेना ने सीएम योगी की तुलना हिटलर से की तो उप्र सरकार ने महाराष्ट्र को सौतेली मां बता दिया।
शिवसेना ने सोमवार को अपने मुखपत्र 'सामना' में उत्तरप्रदेश की योगी सरकार पर तीखा हमला बोला। शिवसेना के राज्यसभा सांसद और 'सामना' के एडिटर संजय राउत ने संपादकीय में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तुलना जर्मनी के तानाशाह एडोल्फ हिटलर से कर दी। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय की तरफ से पलटवार किया गया।
मुख्यमंत्री योगी के ऑफिस की ओर से किए गए ट्वीट में संजय राउत पर निशाना साधते हुए कहा गया कि 'श्री संजय राउतजी एक भूखा बच्चा ही अपनी मां को ढूंढता है। यदि महाराष्ट्र सरकार ने 'सौतेली मां' बनकर भी सहारा दिया होता तो महाराष्ट्र को गढ़ने वाले हमारे उत्तरप्रदेश के निवासियों को प्रदेश वापस न आना पड़ता।'
अगले ट्वीट में कहा गया कि 'अपने घर पहुंच रहे सभी बहनों-भाइयों का प्रदेश में पूरा ख्याल रखा जाएगा। अपनी कर्मभूमि को छोड़ने के लिए मजबूर करने के बाद उनकी चिंता का नाटक मत कीजिए। सभी श्रमिक कामगार बंधु आश्वस्त हैं कि अब उनकी जन्मभूमि उनका हमेशा ख्याल रखेगी, शिवसेना और कांग्रेस आश्वस्त रहें। अपने खून- पसीने से महाराष्ट्र को सींचने वाले कामगारों को शिवसेना-कांग्रेस की सरकार से सिर्फ छलावा ही मिला। लॉकडाउन में उनसे धोखा किया गया, उन्हें उनके हाल पर छोड़ दिया और घर जाने को मजबूर किया। इस अमानवीय व्यवहार के लिए मानवता उद्धव ठाकरेजी को कभी माफ नहीं करेगी।'