दरअसल, कोरोना काल में मृत्युभोज को लेकर मिली एक शिकायत के बाद सरकार ने इसको लेकर कड़ा रुख अपनाया है। अपराध शाखा के डीआईजी किशन सहाय ने पुलिस अधीक्षकों को राजस्थान मृत्युभोज निवारण अधिनियम-1960 का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। इस सख्ती को कोरोना से भी जोड़कर देखा जा रहा है ताकि लोग एक स्थान पर इकट्ठे न हों।
राज्य के कानून के मुताबिक कोई व्यक्ति मृत्युभोज करता है या इसके लिए किसी पर दबाव डालता है तो उसे एक साल तक की सजा हो सकती है। मृत्युभोज निवारण अधिनियम-1960 के प्रावधानों के अनुसार मृत्युभोज की सूचना न्यायालय को दिए जाने की जिम्मेदारी पंच, पटवारी और सरपंच को दी गई है।