भारत हो या दुनिया का कोई और देश, पति-पत्नी के रिश्तों में संकट गहरा रहा है। कभी एक दूसरे से बेइंतहा मुहब्बत करने वाले और ताउम्र साथ रहने की कसमें खाने वाले कपल्स अब एक दूसरे को फूटी आंख नहीं भा रहे हैं। स्ट्रेस, ऑर्ग्यूमेंट्स, मनमुटाव और अंत में ‘तलाक’ चरम पर हैं।
यह सब हो रहा है कोरोना वायरस में हुए लॉकडाउन की वजह से। आलम यह है कि आम लोगों से लेकर हॉलीवुड के सेलेब्स पर भी इसका असर है।
दरअसल, इंसान की नॉर्मल जिंदगी को प्रभावित करने के साथ ही कोरोना वायरस ने रिलेशनशिप को भी बूरी तरह से हिला कर रख दिया है। ऐसे ‘कपल्स’ जो कभी मुश्किल से ही एक दूसरे के लिए वक्त नहीं निकाल पाने की वजह से शिकायत करते थे, अब वे चौबीस घंटे साथ में रह रहे हैं।
जानकर हैरानी होगी कि चौबीस घंटे ‘हम साथ-साथ हैं’ वाले इस कॉन्सेप्ट की वजह से ‘तलाक’ या यूं कहें कि ‘सेपरेशन’ के आंकड़ों में इजाफा हो रहा है। कई विदेशी सर्वे और रिपोर्ट में रिश्तों का यह कड़वा सच सामने आ रहा है।
पिछले कुछ महीनों में करीब 45 हॉलीवुड कपल्स ने अलग होने का फैसला किया है। क्या इसे माना जाए कि कोरोना महामारी रिश्तों के ताबूत में आखिरी कील ठोक रहा है?
रिलेशनशिप के मामलों में काउंसलिंग करने वाले एक्सपर्ट का मानना है कि लॉकडाउन की वजह से लोगों में तनाव बढ़ा है, अकेलापन सामने आया है, नौकरी चले जाने के तनाव ने घर में झगड़े, तनाव और बहस के स्तर को बढ़ा दिया है। यहां तक कि डोमेस्टिक वायलेंस के मामले भी सामने आ रहे हैं। इसी के चलते ज्यादातर कपल्स या पति-पत्नी अलग हो रहे हैं।
नए जमाने के इस ट्रेंड में इस तरह के सेपरेशन को ‘कोविडाइवोर्स’ कहा जा रहा है।
क्या कहते हैं इंदौर के डॉक्टर?
इंदौर के मनोरोग चिकित्सक डॉ राम गुलाम राजदान के मुताबिक लॉकडाउन के दौरान काउंसलिंग के मामलों में करीब 40 से 50 प्रतिशत तक का इजाफा हुआ है। उन्होंने बताया कि न्यूक्लियर फैमिली में यह ज्यादा हो रहा है। लोगों में एन्जॉइटी और स्ट्रेस बढ़ा यह ज्यादा साथ में रहने की वजह से हुआ है। दरअसल, साथ में रहने की वजह से पति-पत्नी एक दूसरे की खामियां ढूंढने लगे हैं। हालांकि संयुक्त परिवारों में सकारात्मकता भी आई है कि अब उन्हें साथ में रहने का समय मिल रहा है। ऐसे में पति-पत्नी साथ में काम करें, खाना बनाएं, साथ में खाना खाएं और योगा करें, एक दूसरे की खामियां न ढूंढे तो अच्छे परिणाम सामने आएंगे।
डॉ रामगुलाम राजदान, मनोरोग चिकित्सक एवं प्रोफेसर एमजीएम कॉलेज, इंदौर।
भारत ही नहीं, दुनिया के कई देशों में यह हो रहा है। कोर्ट-कचहरी नहीं खुलने की वजह से ऐसे मामले काउंसलर्स के पास जा रहे हैं, हालांकि कुछ मामले ऐसे भी हैं जो बाद में तलाक के लिए कोर्ट में अर्जी देने के लिए एक पैर पर बैठे हुए हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक क्लीनिकल साइक्लोजिस्ट करिश्मा गोयनका का कहना है, कपल्स दरअसल इसलिए एक दूसरे से नाराज हो रहे हैं क्योंकि घर पर रहने के दौरान एक दूसरे की खामियां उजारगर हो रही हैं। कुछ को लगता है कि उनका पार्टनर काफी निर्दय है, कुछ को दिक्कत है कि उनका साथी जॉब नहीं करता है। वहीं कुछ इसलिए परेशान हैं कि उनका साथी घर के कामकाज में उनकी मदद नहीं कर रहा है। ऐसे मुद्दे पहले भी हुआ करते थे हालांकि, लेकिन अब स्ट्रेस लेवल काफी हाई है, जिसकी वजह से मामले सुलझ नहीं रहे हैं।
एक दूसरा तथ्य यह भी सामने आ रहा है कि जिन कपल्स में पहले से ही विवाद चले आ रहे थे उनके लिए लॉकडाउन काल उनके रिश्तों को खत्म करने में आखिरी कील साबित हो रहा है। यहां तक कि नई-नई शादी करने वाले भी अपने पार्टनर से खुश नहीं है, वे कहते हैं कि वे अपने साथी के बगैर ही खुश थे।
एक आईटी प्रोफेशनल अपनी पत्नी से इसलिए परेशान था क्योंकि उसकी पत्नी बेहद शॉर्ट टेम्पर्ड है। उसका कहना है कि करीब 14 घंटे अपने लिए नई नौकरी तलाश करने में गुजार देता है, नौकरी को लेकर पहले से ही उसे बेहद तनाव है, ऐसे में उसकी पत्नी का गुस्सा उसके लिए असहनीय है। दुखद तो यह है कि उसकी पत्नी उसे पंखे या एसी का स्वीच बंद करने को लेकर भी झगड़ लेती है और इस बात पर विवाद बहुत बढ़ जाता है।
लॉकडाउन में 45 हॉलीवुड सैलेब्स हुए अलग
लॉकडाउन का असर हॉलीवुड कलाकारों पर भी हुआ है। लॉकडाउन में ही करीब 45 कपल्स ने एक दूसरे का साथ छोड़ दिया। इनमें शेन लिंच, शीना व्हाइट, मेगन फोक्स, ब्रायन ग्रीन, ऑस्टीन ग्रीन, मिली साइरस, कोडी सिम्पसन, एस्ले बेनसॅन आदि शामिल हैं।
क्या कहते हैं सर्वे के आंकड़ें
यूके में हुए एक सर्वे में 2000 लोगों को शामिल किया गया, इसमें खुलासा हुआ कि 23 प्रतिशत लोगों के रिश्तों में प्रेशर था।
42 प्रतिशत का कहना है कि उनके पार्टनर बेहद इरिटेटिंग हैं।
36 प्रतिशत लोगों ने माना कि उनके साथी उनसे हर बात पर बहस करते हैं।
एक रिपोर्ट में कहा गया कि करीब 20 प्रतिशत लोगों ने तलाक के लिए इन्क्वायरी की है।
लॉकडाउन में करीब 40 से 50 प्रतिशत लोगों ने परिवार संबंधी समस्याओं की जानकारी ली।
30 प्रतिशत लोगों ने तलाक के बारे में जानकारी चाही।