ब्रिटेन में 'नॉटिंघम विश्वविद्यालय' के अनुसंधानकर्ता भी यह अनुसंधान करने वाले दल का हिस्सा थे। इस दल ने पाया कि पौधों से बनाए गए एंटीवायरल की यदि कम खुराकें दी जाएं, तो वे श्वास संबंधी अवरोध पैदा करने वाले कोविड-19 समेत तीन बड़े वायरस के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता पैदा कर सकते हैं।
'वायरसेस' पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, इस प्रकार के एंटीवायरल संक्रमण रोकने के लिए समुदाय को उपलब्ध कराए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह दवा वायरस को कोशिकाओं में अपने प्रतिरूप बनाने से रोकने में भी मददगार है।
अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि थैप्सिगार्गिन एक ऐसी एंटीवायरल दवा है, जो संक्रमण के दौरान या उससे पहले लेने पर प्रभावी होती है। अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि इस दवा को टीके के माध्यम से देने या इसके लिए अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं होगी। इसे मुंह के जरिए लिया जा सकता है।
नॉटिंघम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर किन चॉ चांग ने कहा, हम इस एंटीवायरल को विकसित करने और यह पता लगाने के शुरुआती चरण में हैं कि कोविड-19 जैसे वायरस का इनसे कैसे उपचार होगा, लेकिन अभी तक मिले नतीजे बहुत अहम हैं।(भाषा)