दरअसल, इंदौर निवासी ईओडब्ल्यू में विशेष लोक अभियोजक के रूप में पदस्थ अश्लेष शर्मा की पुत्री हर्षिता शर्मा देवास जिले की बागली कोर्ट में जज हैं। उनका विवाह मूल रूप से कोलारस (शिवपुरी) में रहने वाले और वर्तमान में श्योपुर जिले के विजयपुर में पदस्थ अनुविभागीय अधिकारी (SDM) त्रिलोचन गौड़ से गत दिसंबर 2019 में ही तय हो गया था। आगामी 4 मई को विवाह संपन्न होने वाला था।
अश्लेष शर्मा ने बताया कि शादी की सारी तैयारियां हो गई थीं। इंदौर में मैरिज गार्डन से लेकर हलवाई, बैंड, डीजे आदि की बुकिंग भी हो गई थी। शादी की तैयारियों के लिए एसडीएम गौड़ ने 3 माह पहले ही 30 दिन का अवकाश भी स्वीकृत करा लिया था।
इसी बीच, कोरोना महामारी के चलते पूरे देश में लॉकडाउन हुआ और श्योपुर में भी कुछ पॉजिटिव केस मिले। संकट की इस घड़ी में एसडीएम त्रिलोचन गौड़ व जज हर्षिता ने ड्यूटी को पहले प्राथमिकता दी और आपस में तय किया कि पहले कोरोना को हराया जाए, शादी इसके बाद ही करेंगे।
जज हर्षिता के मुताबिक हमारे निर्णय में दोनों परिवारों ने भी अपनी सहमति दी है। अब हम शादी तभी करेंगे जब कोरोना वायरस से लोगों को मुक्ति मिल जाएगी। दूसरी ओर, त्रिलोचन का कहना है कि इस महामारी से लोग डरे हुए हैं। ऐसे में लोगों की सुरक्षा से जुड़ी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी को छोड़कर शादी कैसे कर सकता था? मैंने अपनी पूर्व स्वीकृत छुट्टियों को भी कैंसल करवा लिया है। श्योपुर कलेक्टर प्रतिभा पाल ने छुट्टी कैंसल करने के आवेदन पर अपनी मुहर लगा दी है।