बड़ी खबर..मुख्यमंत्री शिवराज का ऐलान, बंद के दौरान स्कूल-कॉलेज सिर्फ ट्यूशन फीस लेंगे

सोमवार, 8 जून 2020 (21:08 IST)
इंदौर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने हजारों पालकों को राहत की खबर देकर उनकी बहुत बड़ी मानसिक परेशानी दूर कर दी है। कोरोना वायरस (Coronavirus) से सबसे अधिक प्रभावित इंदौर में कोरोना की जमीनी हकीकत जानने के लिए आए शिवराज ने कहा कि स्कूल और कॉलेज ट्‍यूशन फीस के अलावा अन्य कोई शुल्क नहीं ले सकते।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के कारण बंद पड़े स्कूल और और कॉलेजों की कोई मनमानी नहीं चलेगी। वे बंद के दौरान सिर्फ ट्‍यूशन फीस ही ले सकते हैं। इसके अलावा उन्हें अन्य किसी तरह का शुल्क लेने का अधिकार नहीं है। 
 
सनद रहे कि पिछले दिनों ये खबर आई थी ‍कि कोरोनावायरस के कारण लॉकडाउन में बंद पड़े स्कूल्स अपने लंबे चौड़े खर्चों का खुलासा करते हुए अन्य शुल्क की भी मांग करने की दलील दे रहे थे लेकिन मुख्यमंत्री के ऐलान के बाद स्कूल सिर्फ ट्यूशन फीस ही ले सकेंगे। वे अन्य खर्चों की वसूली छात्रों के अभिभावकों से नहीं ले सकेंगे।
मुख्यमंत्री सोमवार की दोपहर को ही विशेष विमान से इंदौर पहुंचे थे और यहां पहुंचने के बाद उन्होंने कलेक्टर कार्यालय में जिला स्तरीय एवं राज्य स्तरीय कोरोना समीक्षा बैठक लेने के बाद कोरोना जंग में शहीद हुए कर्मचारियों के परिवारजनों से मुलाकात की।
 
मुख्यमंत्री ने इंदौर की जनता और प्रशासन को बधाई दी : मुख्यमंत्री चौहान ने कोरोनावायरस के खिलाफ जंग में इंदौर की जनता एवं प्रशासन को उनकी कर्मठता एवं सहयोग के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि जनता की जागरूकता तथा प्रशासन की क्रियाशीलता के कारण ही कोरोनावायरस के संक्रमण की स्थिति नियंत्रित हो सकी। 
उन्होंने कहा कि इंदौर में अब कोरोना संक्रमित पॉजिटिव प्रकरणों की संख्या स्वस्थ होकर घर लौटने वाले मरीजों से काफी कम है। डिस्चार्ज एवं रिकवरी रेट 64 प्रतिशत से भी अधिक पहुंच गया है, जो एक सकारात्मक संकेत है।
 
इंदौर आदर्श शहर बनकर उभरा : मुख्यमंत्री ने अभय प्रशाल में चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों के साथ चर्चा करते हुए कहा कि इंदौर कोरोना के विरुद्ध लड़ाई में आदर्श शहर बनकर उभरा हैं। उन्होंने कहा कि इंदौर शहर में कोरोना से जंग जीतने के लिए किए गए नए-नए प्रयासों का डोक्यूमेंटेशन किया जाना चाहिए, ताकि देश व प्रदेश के अन्य शहर भी इंदौर के प्रयासों से सीख ले सके। 
 
मुख्यमंत्री चौहान ने इस दौरान कहा कि प्रारंभ में इंदौर की स्थिति बहुत खराब थी, लेकिन स्थानीय चिकित्सकों व पैरामेडिकल स्टॉफ तथा जिला प्रशासन के संयुक्त प्रयासों से इंदौर ने कोरोना के विरुद्ध लड़ाई में काफी हद तक सफलता पा ली है तथा शीघ्र ही इंदौर कोरोना मुक्त होगा।
डॉक्टरों का भी नि:शुल्क उपचार हो : इससे पूर्व इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. सतीश जोशी ने कहा कि निजी व सरकारी चिकित्सकों के साथ साथ जूनियर डॉक्टर्स ने भी कंधे से कंधा मिलाकर कोरोना के विरुद्ध संघर्ष किया। सभी के संयुक्त प्रयासों से इंदौर को कोरोना मुक्त बनाने में काफी हद तक सफलता भी मिली है। उन्होंने मुख्यमंत्री चौहान से अनुरोध किया कि यदि कोई डॉक्टर कोरोना संक्रमित हो जाता है तो उसके निःशुल्क उपचार की व्यवस्था की जाए। 
 
इसके अलावा डॉ. हिम्मत जैन ने इंदौर में होम आइसोलेशन एप के सफल प्रयोग के बारे में बताया और कहा कि इस तरह का प्रयोग प्रदेश के अन्य शहरों में भी किया जा सकता है। डॉ. सुबोध चतुर्वेदी ने कहा कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने समय समय पर वेबिनार आयोजित कर नागरिकों को सोशल डिस्टेंसिंग के प्रति जागरूक किया है। 
 
डॉ. रवि जोशी ने कहा कि पिछले दिनों में यह अनुभव किया गया है कि कोरोना संक्रमण के बचाव के मामले में पीपीई किट से अधिक आवश्यकता चेहरे वाले हिस्से के बचाव की है। दो पहिया वाहन चालकों को हेलमेट लगाने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए, ताकि वे कोरोना संक्रमण से भी बचे रहें।

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