बताया जा रहा है कि पीड़ित के परिजन बुजुर्ग को इलाज के लिए सिटी हॉस्पिटल में करीब एक हफ्ते पहले भर्ती कराया था, वहीं परिजनों ने जब मरीज को अस्पताल से डिस्चार्ज कराने की कोशिश की तो अस्पताल प्रबंधन ने लंबा-चौड़ा बिल थमा दिया, लेकिन जब परिजन पैसे नहीं दे पाए तो अस्पताल संचालक ने मरीज को पलंग से बांध दिया।
पीड़ित मरीज के परिजन का आरोप है कि डॉक्टर ने इलाज के ग्यारह हजार से अधिक रुपए न देने पर उनको रस्सी से बांधने के साथ कई दिन से खाना भी नहीं दिया है। कोरोना काल में प्राइवेट अस्पताल की ये संवेदनहीनता का ये कोई पहला मामला नहीं है, वहीं शाजापुर से आई तस्वीर मोदी सरकार के उस दावे पर भी सवाल खड़े करती है जिसमें आयुष्मान योजना के तहत गरीबों के इलाज के बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं।
पूरा मामला सामने आने के बाद मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ट्वीट कर लिखा कि शाजापुर के एक अस्पताल में वरिष्ठ नागरिक के साथ क्रूरतम व्यवहार का मामला संज्ञान में आया है। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा, सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।