जैन ने कहा, मैंने कोविड-19, निमोनिया और तपेदिक के मरीजों के एक्स-रे समेत करीब 60,000 एक्स-रे स्कैन का विश्लेषण करने के बाद कृत्रिम बुद्धिमता आधारित डेटाबेस विकसित कर इन तीनों बीमारी में छाती के जमाव (कंजेशन) के बीच अंतर को पता लगाया। मैंने अमेरिका की ‘एनआईएच क्लिनिकल सेंटर’ में उपलब्ध छातियों के एक्स-रे के डेटाबेस का भी विश्लेषण किया।‘
उन्होंने कहा, ‘मेरे विकसित स़ॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर डॉक्टर, लोगों के एक्स-रे की तस्वीर अपलोड कर सकते हैं। सॉफ्टवेयर न सिर्फ यह आंकेगा कि मरीज में निमोनिया का कोई लक्षण है या नहीं बल्कि यह भी बताएगा कि यह कोविड-19 के कारण है या किसी अन्य जीवाणु के कारण और संक्रमण की गंभीरता भी मापेगा।‘ परिणाम महज पांच सेकेंड में प्राप्त हो जाएंगे।”