स्वास्थ्य मंत्रालय के इस संशोधित दस्तावेज के मुताबिक, सामान्य तौर पर, लक्षण वाले उम्मीदवार को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र भेजा जाना चाहिए और अन्य साधनों की मदद से परीक्षा देने का अवसर देना चाहिए। अथवा, विश्वविद्यालय या शैक्षिणक संस्थान छात्र के स्वस्थ होने पर किसी बाद की तारीख पर परीक्षा लेने की व्यवस्था करे।
संशोधित एसओपी में कहा गया, 'अगर छात्र में लक्षण नजर आ रहे हैं तो परीक्षा में बैठने की इजाजत देना या इससे इनकार करना, इनमें से जो भी हो, वह परीक्षा संचालन अधिकारियों द्वारा इस मुद्दे पर पहले से जारी नीति के अनुरूप हो।'