भोपाल। मध्यप्रदेश में एक ओर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कोरोनावायरस (Coronavirus) संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए लगातार रेमडेसिविर इंजेक्शन को जिलों में हेलीकॉप्टर से भेज रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी रूकने का नाम नहीं ले रही है। सरकार की नाक के नीचे ही राजधानी भोपाल में रेमडेसिविर इंजेक्शन की ब्लैक मार्केटिंग का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसको सुनकर लोगों का अस्पतालों पर से विश्वास ही उठ जाएगा।
राजधानी के सबसे बड़े कोविड-19 अस्पताल में से एक जेके अस्पताल में नर्सिंग स्टॉफ में नर्स और उसका साथी प्रेमी जमकर रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी कर रहे थे। प्रेमी-प्रेमिका के इस काले कारनामे का खुलासा भी एक पीड़ित परिवार की पुलिस से शिकायत के बाद हो सका।
पीड़ित परिवार की शिकायत पर जब कोलार पुलिस ने जेके अस्पताल के पास से दानिश कुंज में रहने वाले आरोपी झलकन सिंह को गिरफ्तार किया तो उसने अपना और अपनी प्रेमिका का काला चिट्ठा पुलिस के सामने खोल दिया।
झलकन सिंह ने पुलिस को बताया कि वह और उसकी प्रेमिका शालिनी वर्मा दोनों जेके अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ में हैं। अस्पताल में कोरोना पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए स्टॉक से मिलने वाला रेमडेसिविर इंजेक्शन चोरी कर ब्लैक में बेच देते थे।
पुलिस पूछताछ में आरोपी ने चौंकाने वाला खुलासा करते हुए कहा, इसमें उसकी प्रेमिका भी उसका साथ देती थी। पुलिस के मुताबिक, आरोपी और उसकी प्रेमिका अस्पताल में ड्यूटी के दौरान कोरोना मरीजों को लगाने के लिए मिलने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं लगाकर खाली शीशी मरीज के पास रख नार्मल स्लाइन लगा देते थे, जिससे मरीजों को लगता था कि उनको इंजेक्शन लग गया। वहीं रेमडेसिविर इंजेक्शन को 20 से 30 हजार तक ब्लैक में बेच देते थे।
आरोपी ने पुलिस पूछताछ में यह भी बताया कि उसने जेके अस्पताल में ही काम करने वाले डॉक्टर शुभम पटेरिया को भी रेमडेसिविर इंजेक्शन गत 16 अप्रैल को ब्लैक में बेचा था, जिसका डॉक्टर ने उसको ऑनलाइन पेमेंट भी किया था। वहीं प्रेमी के पुलिस की गिरफ्त में होने की खबर लगते ही प्रेमिका फरार हो गई है। पूरे मामले में पुलिस फरार प्रेमिका की तलाश में जुट गई है।