न्यायमूर्ति एएम खानविलकर, न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार की पीठ ने कहा, हमें प्रथमदृष्टया याचिकाकर्ता की इस दलील में दम लगता है कि राज्य सरकार ने इस साल सितंबर में होने वाली ऑफलाइन परीक्षा आयोजित करने के लिए मौजूदा हालात पर गंभीरता से विचार नहीं किया है।
इससे पहले, केरल उच्च न्यायालय ने कहा था कि परीक्षा आयोजित करना सरकार की नीति का विषय है और इसमें हस्तक्षेप वांछित नहीं है। शीर्ष अदालत ने वकील रसूलशान ए की अपील पर आदेश सुनाया, जिन्होंने ऑफलाइन परीक्षाएं कराने के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार करने के उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी थी।(भाषा)