जयपुर। राजस्थान के भीलवाड़ा में 19 मार्च को एक साथ 6 लोगों के कोरोना वायरस (Corona virus) से संक्रमित पाए जाने पर, इसके प्रसार को रोकने की बड़ी चुनौती स्वीकार करते हुए जिला प्रशासन ने सोमवार तक पिछले 10 दिनों में 30 लाख से अधिक लोगों का सर्वे किया।
जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि लगभग 4 लाख शहरी आबादी वाले इलाकों में 2 चरणों 18 मार्च से 23 मार्च तक और फिर 24 मार्च से 28 मार्च तक सर्वे किया गया। वहीं ग्रामीण इलाकों में 22 मार्च से 28 मार्च तक 1948 दलों ने करीब 26 लाख लोगों का सर्वे किया।
उन्होंने बताया कि भीलवाड़ा के एक निजी अस्पताल में कोरोना संक्रमित चिकित्सकों और नर्सों की जानकारी मिलने के पश्चात जिला कलेक्टर ने 20 मार्च को शहरी सीमा पर कर्फ्यू लागू करने का निर्णय लिया और जिले की सीमाओं को सील कर दिया गया। अधिकारी ने बताया कि अस्पताल में 22 फरवरी से 18 मार्च तक ओपीडी में आए 5580 मरीजों की जांच की गई।
उन्होंने बताया कि अभी तक कुल 26 लोग संक्रमित पाए गए जिनमें 2 की मृत्यु हो गई। दोनों मृतक बुजुर्ग थे जिन्हें दिल और गुर्दे सहित अन्य बीमारियां थीं। फिलहाल 24 मरीजों में से 8 की रिपोर्ट नेगेटिव आई है जिससे यह संकेत मिलता है कि भीलवाड़ा में कोरोना वायरस पर नियंत्रण की दिशा में सफलता मिल रही है।
अधिकारी ने बताया कि जिले में कुल 24 जांच चौकियां बनाकर पड़ोसी जिलों से आवागमन रोक दिया गया। उसके बाद कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए घर-घर जाकर सर्वे शुरू किया गया। उन्होंने बताया कि 22 मार्च से 28 मार्च तक जिले के ग्रामीण क्षेत्र में निवासरत लोगों का सर्वे किया गया। 1948 टीमों ने कुल 5 लाख 48 हजार 293 घरों को चिन्हित कर उनमें रहने वाले 26 लाख 83 हजार लोगों का सर्वे किया।
अधिकारी ने बताया कि शहरी और ग्रामीण इलाकों में लोगों के प्रथम चरण के सर्वे में 17,545 लोग सामान्य सर्दी-जुकाम से पीड़ित थे। इन लोगों को घर में ही रहने की हिदायत दी गई। वहीं शहरी सीमा में करीब 80,000 मकानों का सर्वे कर 4 लाख से अधिक शहरवासियों का सर्वे किया गया। इनमें 2,572 सामान्य सर्दी-जुकाम के पीड़ित लोग थे।
उन्होंने बताया कि शहर में तुरंत दूसरे चरण का सर्वे कर इन लोगों के बारे में जानकारी लेने पर पता चला कि 1274 लोगों ने दूसरे चरण में स्वास्थ्य लाभ लिया।