भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर), राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान, पुणे और न्यूरो सर्जरी विभाग, कमांड हॉस्पिटल (दक्षिणी कमान) के वैज्ञानिकों ने कोविड-19 के संबंध में कोविशील्ड टीके को लेकर अध्ययन किया है।
भारत में बी.1.617 के मामलों में हालिया उभार के बाद लोक स्वास्थ्य के लिए नई चिंताएं पैदा हो गई है। अध्ययन में कहा गया, स्वरूप में आगे बी.1.617.1 (कप्पा), बी.1.617.2 (डेल्टा) और बी.1.617.3 बदलाव हुआ। जाहिर है, डेल्टा स्वरूप धीरे-धीरे दूसरे स्वरूप पर हावी हो गया है।
इसी के साथ विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसे चिंता का विषय बताया है। अध्ययन में कहा गया, डेल्टा स्वरूप के ज्यादा प्रसार से भारत में महामारी की दूसरी लहर पैदा हुई, जिसने लाखों लोगों को प्रभावित किया।(भाषा)