प्राप्त जानकारी अनुसार जो लोग पहले हफ्ते 10 दिन की दवाई लेते थे, वह लॉकडाउन के बाद तीन-तीन महीने की दवाई लेकर जा रहे हैं, ऐसे में जितनी दवाई की खपत 10 लोग करते थे, उतनी खपत 1 व्यक्ति ही कर रहा है। इस कारण रिटेलर एवं होलसेल के ऊपर भी दबाव बनता जा रहा है। आमजन के दवाइयां स्टॉक करने के कारण रिटेलर और होलसेलर भी चिंतित नजर आ रहे हैं।