दरअसल, डब्ल्यूएचओ ने ट्वीट किया है, जिसमें उसने लिखा है कि 'फिलहाल ऐसे कोई सबूत नहीं है कि जो लोग कोविड19 महामारी से ठीक हो गए हैं और उनके शरीर में ऐंटीबॉडीज हैं वे दूसरी बार संक्रमित होने से बच जाएंगे।'
डब्ल्यूएचओ ने यह भी कहा है कि किसी भी देश की सरकार ठीक हो चुके लोगों को इम्युनिटी पासपोर्ट और रिस्क फ्री सर्टिफिकेट न दें, क्योंकि अभी इसकी कोई गारंटी नहीं है कि वे स्वस्थ्य हो गए हैं और पूरी तरह से सुरक्षित हैं।