पिछले सप्ताह सांगली में दिवंगत उप प्रधानमंत्री वाईबी चव्हाण को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में कई राजनीतिक दिग्गजों की उपस्थिति में मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी राजा के वंशज भोंसले ने कहा था कि उनके करीबी मित्र रहे भाजपा के कई सांसद और विधायक भी नोटबंदी के फैसले को स्वीकार नहीं कर पाए हैं।
शिवसेना ने पार्टी मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में लिखा, 'छत्रपति की मनोव्यथा ने एक आम आदमी की भावना को प्रदर्शित किया है। किसी वक्त उदयन राजे भाजपा में शामिल हुए थे और मंत्री भी बने थे, तो अब भाजपा उनका परित्याग नहीं कर सकती। हिम्मत है तो सरकार उदयन राजे के बयानों को चुनौती दे।' इसमें कहा गया है कि भोंसले ने एक बार फिर आम जन की आवाज उठाई है।
शिवसेना ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले के बाद ग्रामीण इलाकों के लोग त्रस्त हैं। अब तक ग्रामीण इलाकों का कोई नेता इसके खिलाफ बोलने के लिए तैयार नहीं हुआ है। इन नेताओं के हाथ पुराने नोटों के तले दबे हैं और वे अब बेचैन हैं, क्योंकि वे ना तो इन पैसों को हटा सकते हैं और ना ही उन्हें जस के तस रख सकते हैं।'
शिवसेना ने पूछा, 'ब्रिटिश शासन के दौरान सतारा में भारतीयों ने बैंकों और सरकारी खजाने को लूट लिया था। सतारा से ही उदयन राजे ने सरकार को चेतावनी दी है कि लोग जीने के लिए बैंक लूट लेंगे। क्या सरकार इन लोगों पर गोलियां दागेगी?' (भाषा)