शुभांशु शुक्ला सहित चार एस्ट्रोनॉट 14 जुलाई को शाम करीब 4.45 बजे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से पृथ्वी के लिए रवाना हुए। करीब 23 घंटे के सफर के बाद उनका ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट 15 जुलाई दोपहर करीब 3 बजे समुद्र में उतरेगा। इसे स्प्लैशडाउन कहते हैं। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर 18 दिनों के प्रवास के बाद वे धरती के लिए रवाना हुए। शुक्ला एक्सिओम-4 वाणिज्यिक अंतरिक्ष मिशन का हिस्सा हैं और 1984 में राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय हैं।
मिशन पायलट शुक्ला, कमांडर पैगी व्हिटसन, तथा मिशन विशेषज्ञ पोलैंड के स्लावोज उज्नान्स्की-विस्नीवस्की और हंगरी के टिबोर कापू ने ड्रैगन ग्रेस अंतरिक्षयान में प्रवेश किया और पृथ्वी की 22.5 घंटे की यात्रा के लिए अपने अंतरिक्ष सूट पहन लिए।
ड्रैगन ग्रेस अंतरिक्ष यान का हैच, जो इसे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से जोड़ता था, भारतीय समयानुसार अपराह्न 2.37 बजे बंद कर दिया गया और चालक दल के सदस्य भारतीय समयानुसार अपराह्न 4.35 बजे कक्षीय प्रयोगशाला से अलग होने से पहले, अंतिम निरीक्षण किया।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा द्वारा अंतरिक्ष स्टेशन से प्रस्थान प्रक्रियाओं का सीधा प्रसारण किया गया। आईएसएस से यान के अलग होने की प्रक्रिया के बाद, ड्रैगन आईएसएस से सुरक्षित दूरी बनाने के लिए इंजन को संचालित करने की एक श्रृंखला का प्रदर्शन करेगा और पुनः प्रवेश प्रक्रिया शुरू करेगा। अंतिम तैयारियों में कैप्सूल के ट्रंक को अलग करना और वायुमंडल में प्रवेश से पहले हीट शील्ड को स्थापित करना शामिल है, जिससे अंतरिक्ष यान को लगभग 1,600 डिग्री सेल्सियस के तापमान के संपर्क में लाया जा सकेगा।
पैराशूट दो चरण में तैनात किए जाएंगे - पहले लगभग 5.7 किमी की ऊंचाई पर स्थिरीकरण पैराशूट, उसके बाद लगभग दो किमी की ऊंचाई पर मुख्य पैराशूट। अनडॉकिंग के लगभग 22.5 घंटे बाद कैलिफोर्निया के तट पर यान के पहुंचने की उम्मीद है, और अंतरिक्ष कैप्सूल को एक विशेष जहाज द्वारा वापस लाया जाएगा। यान के मंगलवार को भारतीय समयानुसार अपराह्न 3:01 बजे कैलिफ़ोर्निया के तट पर पहुंचने की उम्मीद है। एक्सिओम-4 मिशन ने अपनी अंतरिक्ष यात्रा 25 जून को शुरू की थी, जब ड्रैगन अंतरिक्ष कैप्सूल को ले जाने वाला फाल्कन-9 रॉकेट फ्लोरिडा से आईएसएस की ओर रवाना हुआ था।
परिवार को बेसब्री से इंतजार
अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर अपना 18 दिन का प्रवास पूरा करने के बाद पृथ्वी पर अपनी वापसी की यात्रा शुरू करने के लिए तैयार हैं। वहीं, लखनऊ में उनका परिवार उनकी सुरक्षित वापसी का बेसब्री से इंतजार कर रहा है और परिवार ने इसे बेहद गर्व और भावनात्मक उत्साह का क्षण बताया है।
परिवार ने कहा कि उनके लिए यह बेहद खुशी की बात है। शुभांशु ने उन्हें एक बच्चे की तरह अंतरिक्ष के नजारे दिखाए। परिवार ने कहा कि शुभांशु के आने की सूचना से परिवार बेहद उत्साहित है और उनकी सकुशल वापसी के लिए प्रार्थना कर रहा है, क्योंकि एक्सिओम-4 मिशन सोमवार को आईएसएस से अनडॉक (अलग) हो रहा है और मंगलवार को इसके कैलिफोर्निया तट पर उतरने की उम्मीद है।
सोमवार को लखनऊ स्थित अपने आवास पर पीटीआई-वीडियो से बात करते हुए शुभांशु के पिता शंभू दयाल शुक्ला ने अपने बेटे के अंतरिक्ष मिशन में सहयोग के लिए जनता और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति गहरा आभार व्यक्त किया।
उन्होंने कहा, हम अपने बेटे को आशीर्वाद देने के लिए जनता और माननीय प्रधानमंत्री का धन्यवाद करते हैं। उनका मिशन समाप्त हो रहा है और हम सभी उनका स्वागत करने के लिए तैयार हैं। हालांकि हम उनसे तुरंत नहीं मिल पाएंगे क्योंकि वह पहले अमेरिका जाएंगे, फिर भी हम उनसे जल्द मिलने के लिए उत्सुक हैं।
शुभांशु के आईएसएस पर रहने के दौरान हुई बातचीत को याद करते हुए, शंभू दयाल ने अपने बेटे पर गर्व जताया। उन्होंने कहा, उसने (शुभांशु ने) हमें दिखाया कि वह अंतरिक्ष में कहां रहता है, काम कैसे करता है और कहां सोता है। वहां पैदल चलना नहीं पड़ता हैं। वे बेल्ट से बंधे हुए, खड़े-खड़े सोते हैं। उसने हमें अद्भुत दृश्य भी दिखाए - अंतरिक्ष से सूर्योदय, पृथ्वी की सतह, पहाड़ और चंद्रमा की गति। अपने बच्चे को अंतरिक्ष में खुश देखना हमारे लिए सबसे खुशी का पल था।
उन्होंने कहा कि शुभांशु की यात्रा निश्चित रूप से युवाओं को प्रेरित करेगी। शुभांशु ने स्कूली छात्रों से कहा था, अगर आप बिना किसी संदेह के अपना शत-प्रतिशत देंगे, तो आप अपना लक्ष्य जरूर हासिल करेंगे। अगर आप एक बार असफल भी हो जाएं, तो दोबारा कोशिश करें, आप जरूर सफल होंगे।
शुभांशु की मां आशा देवी ने कहा कि पूरा परिवार खुशी और उत्सुकता से अभिभूत है। उन्होंने कहा, हम उनसे मिलने के लिए बेताब हैं। वह अक्सर अंतरिक्ष से हमें अपडेट करते रहते थे और हमें नजारे दिखाते थे। आज सावन का पहला सोमवार है और परिवार ने मंदिर में भगवान शिव से उनकी सकुशल वापसी की प्रार्थना की।
घर की योजनाओं के बारे में बात करते हुए, उन्होंने कहा कि जब वह लखनऊ आएंगे तो परिवार उनका गर्मजोशी से स्वागत करेगा, हालांकि वह पहले अपने कार्यस्थल पर वापस लौटेंगे।
शुभांशु की बहन सुचि शुक्ला ने कहा कि घर पर भावनाएं उतनी ही तीव्र हैं जितनी उनके अंतरिक्ष में जाने के दिन थीं। उन्होंने कहा हम उत्साहित भी हैं और घबराए हुए भी हैं क्योंकि जब तक अंतरिक्ष यान धरती पर नहीं आता, तब तक थोड़ी बेचैनी तो रहती ही है। उन्हें एक उत्साहित बच्चे की तरह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से हमें अंतरिक्ष भ्रमण कराते देखना बेहद रोमांचक था। इनपुट भाषा Edited by: Sudhir Sharma