अब तो दुनिया भर के शहरों में क्रिसमस के लगने लगे हैं। लेकिन इनकी शुरुआत लगभग 600 साल पहले जर्मनी में ही हुई थी। बताया जाता है कि पूर्वी जर्मन शहर ड्रेसडेन का क्रिसमस बाजार दुनिया का सबसे पुराना ऐसा बाजार है, जो इस बार 581वीं बार लगा है। वैसे कुछ लोग फ्रैंकफर्ट, म्यूनिख और ऑग्सबुर्ग के क्रिसमस बाजारों को इससे भी पहले का बताते हैं लेकिन इसकी प्रामाणिकता नहीं है। जर्मनी के अलावा ऑस्ट्रिया, इटली और फ्रांस के कुछ हिस्सों को भी क्रिसमस बाजार की शुरुआत से जोड़ा जाता है।
क्रिसमस का बाजार हर साल सर्दियों में लगता है और यहां जो चीज सबसे ज्यादा पसंद की जाती है – वह है ग्लूवाइन। गुलगुनी ग्लूवाइन को रेड वाइन के साथ लौंग, इलाइची और दालचीनी जैसे गरम मसालों के साथ तैयार किया जाता है और इसे गर्मागर्म पेश किया जाता है। इसमें थोड़ी मात्रा अल्कोहल की भी होती है। आजकल बिना अल्कोहल वाली ग्लूवाइन भी बाजार में मिल जाती है।
ऑग्सबुर्ग, फ्रैंकफर्ट, श्टुटगार्ट और न्यूरेमबर्ग जैसे जर्मन शहरों के क्रिसमस बाजार बहुत लोकप्रिय हैं। इन्हें देखने दुनिया भर के लोग इन शहरों में आते हैं। क्रिसमस बाजारों की वजह से इन शहरों के पर्यटन को भी फायदा पहुंचता है। हालांकि सबसे ज्यादा करीब 40 लाख मेहमान हर साल कोलोन के क्रिसमस बाजारों में आते हैं। जर्मन राजधानी बर्लिन का दावा है कि वहां सालाना 70 क्रिसमस बाजार लगते हैं। इन बाजारों में विशालकाय क्रिसमस ट्री भी होती है। डॉर्टमुंड शहर में हर साल 45 मीटर ऊंची क्रिसमस ट्री लगाई जाती है।