वैश्विक महामारी का इतिहास का इतिहास बहुत ही लंबा चौड़ा है। प्राचीन काल में तो कई तरह की अज्ञात रोगों का जन्म होता था जिनका तो आज तक कोई नाम भी नहीं जानता है। बस यही जानते हैं कि उस काल में महामारी फैली थी जिसके चलते लाखों लोग मारे गए हैं। आजकल आधुनिक विज्ञान के चलते महामारी के नाम तो रखे जाकर जाने जा रहे हैं, परंतु क्या अभी तक मिला है कोई ठोस इलाज?
चेचक, तपेदिक, खसरा, टाइफस, ग्लैंडर, बैक्टीरिया संक्रमण, सांस की बीमारी, लासा बुखार, टाइफाइड, हैजा, प्लेग, कुष्ठरोग, काला बुखार, स्पेनिश फ्लू, एड्स, कैंसर, बर्ड फ्लू, स्वाइन फ्लू आदि सैकड़ों बीमारियों के बाद अब ये कोरोना। फिलहाल धरती कोरोना वायरस से जूझ रही है। ऐसे भी कई रोग है जिनका अभी तक कोई स्थाई इलाज नहीं ढूंढा गया है। बस रोकथाम ही है।
1. अंगुत्तर निकाय धम्मपद अठ्ठकथा के अनुसार 563 से 483 ईसा पूर्व के बीच वैशाली राज्य में तीव्र महामारी फैली हुए थी। मृत्यु का तांडव नृत्य चल रहा था। ऐसे समय में गौतम बुद्ध ने नगर के बाहर रतन सुत्त का उपदेश दिया जिससे लोगों के रोग दूर हो गए। उस दौरान नगर की सभी तरह की गतिविधियां रुक गई थी।
2. पहली दर्ज महामारी प्लेग 430-26 ईसा पूर्व उस समय फैली जब प्राचीन ग्रीस की राजधानी एथेंस और स्पार्टा के बीच पेलोपोनेसियन युद्ध चल रहा था। 'सायकायट्री ऑफ पेंडेमिक्स' पुस्तक में दामिर हुरमोविक लिखते हैं, 'यह प्लेग सबसे पहले इथियोपिया में फैला। फिर मिस्र और ग्रीस में फैल गया।'
3. कहते हैं कि 520 या 526 ईस्वी में भारत के भिक्षु बोधिधर्म जब चीन गए तो उस वक्त वहां के एक गांव नानयिन (नान-किंग) में महामारी फैली थी। बोधी धर्मन चूंकि एक आयुर्वेदाचार्य थे, तो उन्होंने ऐसे लोगों की मदद की तथा उन्हें मौत के मुंह में जाने से बचा लिया।
4. लगभग 100 साल पहले शिरडी के सांई बाबा ने भी लोगों को महामारी से बचाया था। साईं बाबा के काल में हैजा नामक खतरनाक बीमारी फैली थी जिससे लाखों लोग मारे गए थे लेकिन बाबा ने अपनी शिरडी के लोगों को बचा लिया था।
5. 541 ईस्वी में ब्यूबोनिक प्लेग फैला था जिससे दुनिया को लगभग तबाह कर दिया था।
6. 1520 ईस्वी में चेचक से दुनिया में तबाही मची थी।
7. 1817 हैजा (कॉलरा) ने भी दुनिया में लाशों के ढेर लगा दिए थे।
8. इन्फ्लुएंज़ा 1800 में प्रारंभ हुआ था जो अभी तक हमारे बीच है।
9. स्पेनिश फ्लू 1918 से 1920 के दौरान स्पेनिश फ्लू ने लगभग 5 करोड़ लोगों को निकल लिया था।
10. एचआईवी/एड्स 1981 से लेकर अभी तक हमारे बीच है जो लगभग 3 करोड़ लोगों की जान ले चुका है।
11. सार्स और मर्स कोरोना : 2002 से अब तक हमारे बीच है।