ईरान के साथ भारत के संबंध ऊर्जा और रणनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं। भारत ईरान से तेल आयात करता है और चाबहार बंदरगाह के विकास में सहयोग कर रहा है, जो अफगानिस्तान और मध्य एशिया के लिए एक महत्वपूर्ण व्यापारिक मार्ग है। जबकि भारत और इजरायल के रिश्ते पिछले कुछ दशकों में मजबूत हुए हैं। खासकर रक्षा क्षेत्र में इजरायल भारत का प्रमुख साझेदार है और दोनों देशों के बीच रक्षा उपकरणों का निर्यात-आयात नियमित है। इसी तरह, व्यापारिक दृष्टिकोण से भी दोनों देशों के बीच संबंध मजबूत हुए हैं। इसी संदर्भ में जानिए कि ईरान और इजरायल ने भारत को क्या दिया?
ईरान ने भारत को क्या दिया?
1. जब भारत का विभाजन हुआ और पाकिस्तान एक नया देश बना तब सबसे पहले उसे ईरान ने ही मान्यता दी थी। 1979 में, पाकिस्तान दुनिया के उन पहले देशों में से एक था जिसने ईरान में इस्लामिक क्रांति का समर्थन करके खोमेनी शासन को मान्यता दी थी।ALSO READ: भारत को इजराइल के साथ रहना चाहिए या कि ईरान के साथ?
2. इसके बाद ईरान ने 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध और 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में पाकिस्तान की हर संभव सहायता की थी। उसने भारत के खिलाफ सैन्य उपकरणों के साथ-साथ कूटनीतिक समर्थन भी दिया।
3. ईरान ने कश्मीर के मामले में अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर हर समय पाकिस्तान का साथ ही दिया। हालांकि कुछ ऐसे मामले हैं जिसको लेकर पाकिस्तान और ईरान दोनों देशों में मतभेद है लेकिन ईरान की पाकिस्तान से आज भी गहरी दोस्ती है।
4. आज भले ही भारत के मुकाबले ईरान का पाकिस्तान से संबंध निचले स्तर पर है, लेकिन शाह के राज में तेहरान और इस्लामाबाद भारत के खिलाफ एक दूसरे के साथ थे। आगे ये दोनों फिर से कभी भी साथ होंगे तो कोई आश्चर्य नहीं।
5. ईरान का अचेमेनी साम्राज्य (550 ईसा पूर्व से 330 ईसा पूर्व के बीच) भारत पर आक्रमण करने वाला पहला प्रमुख ईरानी साम्राज्य था। प्राचीन काल में 550 ईसा पूर्व में, हखामनी साम्राज्य के शासक साइरस द्वितीय ने भारत पर आक्रमण करने का प्रयास किया, लेकिन यह सफल नहीं रहा। इसके बाद, डेरियस प्रथम (दारा प्रथम) ने 516-18 ईसा पूर्व में भारत पर आक्रमण किया और सिंधु नदी के आसपास के क्षेत्रों पर विजय प्राप्त की।
6. यदि हम मध्य काल की बात करें तो ईरान के कई लोगों ने समय समय पर भारत पर आक्रमण करके इसे लुटा है। नादिर शाह ईरान का था। 1739 में, नादिर शाह ने भारत पर आक्रमण किया, जो उस समय मुगल साम्राज्य के अधीन था. करनाल की लड़ाई में, उन्होंने मुगल सेना को हराया और दिल्ली पर कब्जा कर लिया. दिल्ली में लूटपाट की, जिसमें मयूर सिंहासन और कोहिनूर हीरा भी शामिल थे।
7. ईरान में इस्लाम के आगमन के बाद पारसियों का कत्लेआम किया जा रहा था तब जोरास्ट्रियन समुदाय भारत आया। ईरान ने कभी इन लोगों की सहायता नहीं की।
8. मुगल काल से पहले से ही रेशम और समुद्री मार्ग से भारत से मसाले, रत्न, और कपास ईरान जाते थे और वहां से सुगंधित तेल, कालीन, और कला सामग्री आती थी।
9. ईरान ने भारत को सूफीवाद के साथ ही फारसी भाषा दी और इस दौरान ईरान ने मुगल काल में अपने धर्म और संस्कृति को भारत पर लादने का भरपूर कार्य किया।
10. ईरान ने मुगल काल में स्थापत्य कला को स्थापित किया। इसमें सिर्फ मस्जिदों और मुगलों का विकास हुआ। इसमें गुंबद, मीनार, बाग, और मेहराब का डिजाइन फारसी शैली पर आधारित है।
11. ईरान आज भारत के साथ है लेकिन कल वह फिर से पाकिस्तान के साथ होगा तो यह कोई आश्चर्य वाली बात नहीं है। क्या यह किसी को पता है कि ईरान आतंकवाद और आतंकवादी देशों को समर्थन करने वाला देश है?
इजराइल ने भारत को क्या दिया?
1. इजराइल या यहूदियों ने कभी भारत पर आक्रमण नहीं किया।
2. इजराइल (या यहूदी) व्यापारी और भारत के पश्चिमी तट (विशेषकर केरल और गुजरात) के बीच मसाले, कीमती पत्थर, कपड़े आदि का व्यापार होता था।
3. भारत में बसे यहूदी समुदायों ने हिंदू और स्थानीय भारतीय संस्कृति के साथ अनूठा समन्वय किया, जबकि उन्होंने अपने यहूदी धर्म और परंपराएं भी बनाए रखीं।
4. कोचीन, केरल और महाराष्ट्र में यहूदी समुदाय के प्राचीन कब्रिस्तान, सिनागॉग (प्रार्थना स्थल) और हिब्रू भाषा में शिलालेख मिले हैं।
5. इजराइल ने भारत को ड्रोन (UAVs), मिसाइल सिस्टम, रडार, नाइट विजन डिवाइसेस। Barak-8 एयर डिफेंस सिस्टम देने के साथ ही आतंकवाद विरोधी प्रशिक्षण दिया।
6. 1999 कारगिल युद्ध में इजरायल ने भारत को तत्काल सैन्य उपकरण दिए थे, जैसे लेजर गाइडेड बम और सर्विलांस ड्रोन।
7. इजराइल रेगिस्तान जैसी भूमि में खेती करने का माहिर देश है, और उसने भारत को अत्याधुनिक कृषि तकनीक दी हैं। जैसे, माइक्रो-इरीगेशन (drip irrigation) तकनीक, हाई-यील्ड बीज, ग्रीन हाउस खेती आदि। भारत में 30 से ज्यादा ऐसे केंद्र खोले गए हैं (पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र आदि में), जहां इजराइल की कृषि तकनीक सिखाई जाती है।
8. इजराइल जल संकट से निपटने में भारत की मदद की। वॉटर रीसाइक्लिंग और डी-सालिनेशन प्लांट्स यानी समुद्री पानी को पीने योग्य बनाना। ड्रिप इरिगेशन के माध्यम से जल की बचत करना, भारत में स्मार्ट वॉटर मैनेजमेंट सिस्टम की स्थापना में सहयोग।