जीवन परिचय : राणा संग्राम सिंह या राणा सांगा मेवाड़ के पूर्व शासक एवं महाराणा प्रताप के पूर्वज थे। उन्होंने मेवाड़ पर साल 1509 से 1528 तक शासन किया। राणा संग्राम सिंह, जिन्हें राणा सांगा के नाम से भी जाना जाता है, का जन्म 12 अप्रैल 1482 को मेवाड़ में हुआ था। वे महाराणा रायमल के पुत्र थे। उनके बचपन का नाम संग्राम सिंह था।
राणा सांगा एक महान योद्धा थे। उन्होंने अपने जीवन में कई युद्ध लड़े और अपनी वीरता का लोहा मनवाया। उन्होंने मेवाड़ की सीमाओं का विस्तार किया और अपनी प्रतिष्ठा को बढ़ाया। उन्होंने राजपूतों को एकजुट करके एक शक्तिशाली सेना का निर्माण किया। उन्होंने मेवाड़ को एक शक्तिशाली राज्य बनाया। उन्होंने राजपूतों को एकजुट करके मुगल आक्रमणकारियों का सामना किया।
शौर्य और नेतृत्व के धनी राणा सांगा के प्रमुख युद्ध :
• खातोली का युद्ध (1517) में उन्होंने दिल्ली के सुल्तान इब्राहिम लोदी को हराया।
• 1519 में हुए गागरोन युद्ध में उन्होंने मालवा के सुल्तान महमूद खिलजी द्वितीय को हराया।
• सन् 1527 में उन्होंने बयाना के युद्ध में मुगल सम्राट बाबर की सेना को हराया।
कब हुआ था राणा सांगा का निधन : खानवा के युद्ध में घायल होने के बाद राणा सांगा को इलाज के लिए ले जाया गया, लेकिन उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ। 30 जनवरी 1528 को उनकी मृत्यु हो गई। तत्पश्चात राणा सांगा के बाद उनके पुत्र रतन सिंह उनके उत्तराधिकारी और मेवाड़ के महाराणा बने। सही मायनों में राणा सांगा एक वीर योद्धा थे, जो अपनी वीरता और उदारता के लिए प्रसिद्ध हुए थे। उनका नाम भारतीय इतिहास में हमेशा याद किया जाएगा।
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