अरविंद केजरीवाल का वैश्विक राजनीति में प्रवेश

आम आदमी पार्टी (आप) के संस्थापक अरविंद केजरीवाल की प्रारम्भ से ही छवि एक भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ता की रही है। आप की धमाकेदार जीत ने दुनियाभर के भ्रष्टाचार विरोधी धर्मयोद्धाओं और समाजसुधारकों की जमात में एक नया मानदंड (बेंचमार्क) स्थापित किया है। ये लोग सारी दुनिया में अपनी तरह से शासन व्यवस्थाओं, सरकारों में भ्रष्टाचार रोकने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। भारतीय राजनीति में आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल के उत्थान ने उन्हें उन अंतरराष्ट्रीय नेताओं के समकक्ष खड़ा कर दिया है जो कि सामाजिक विषमताओं का मुकाबला कर रहे हैं। 
विदित हो कि आप की एक राजनीतिक दल के तौर पर शुरुआत 26 नवंबर, 2012 को हुई जो कि एक मजबूत भ्रष्टाचाररोधी कानून, जनलोकपाल की मांग कर रहे सामूहिक आंदोलन का आधार था। दुनिया में भ्रष्टाचार विरोधी योद्धाओं का क्लब बहुत छोटा है लेकिन इसके नेताओं ने साफ-सुथरी राजनीति के पक्ष में आवाज उठाकर और आंदोलन चलाकर काफी लोकप्रियता हासिल की है। रूस में भी एक प्रोग्रेस पार्टी है जिसके नेता, अलेक्सेई अनातोलिएविच नवालनी को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का कट्‍टर आलोचक माना जाता है। वे रूस में एक भ्रष्टाचाररोधी आंदोलन चला रहे हैं। 
 
नवालनी एक पूर्व वकील रहे हैं और उन्हें रूस में राष्ट्रपति पुतिन के कट्‍टर आलोचकों में गिना जाता है। वे वर्ष 2013 में मॉस्को के मेयर पद के लिए चुनाव लड़ चुके हैं। हालां‍कि वे चुनाव में उप‍ विजेता रहे लेकिन उन्होंने इतनी बड़ी मात्रा में वोट हासिल किए कि इससे उनके समर्थक और विरोधी भी चौंके बिना नहीं रह सके। उन्हें कई बार गिरफ्तार ‍किया जा चुका है और उन पर चुनावी कोष में गड़बड़ी करने के आरोप में मुकदमा भी चलाया गया था।
 
रूस की प्रोग्रेस पार्टी की तरह ही स्पेन में भी अपेक्षाकृत नई राजनीतिक पार्टी, पार्टिडो एक्स के नेतृत्व में आंदोलन चलाए जा रहे हैं। जिस तरह से सड़कों पर विरोध की राजनीति करते हुए आप ने सक्रिय राजनीति का रास्ता पकड़ा, ठीक उसी तरह से पार्टिडो एक्स अस्तित्व में आई। यह पार्टी तीन दशकों तक सत्ता में रहीं स्थापित दलों, पीपुल्स पार्टी और द स्पेनिश सोशलिस्ट वर्कर्स पार्टी को चुनौती दे रही है। 
 
इटली से सटे स्लोवानिया में एक वकील से नेता बने मीरो सेरार भ्रष्टाचार के खिलाफ युद्ध छेडे हुए हैं। पिछले वर्ष उन्होंने अपने नाम से एक पार्टी बनाई थी और प्रभावशाली परिणाम भी हासिल किए। उन्हें स्लोवानिया के संसदीय चुनावों में अच्छा वोट शेयर भी मिला था और अंतत: वे स्लोवानिया के प्रधानमंत्री बनने में भी सफल हुए हैं। 
 
दिल्ली में 'आप' की सफलता और प्रधानमंत्री मोदी तथा भाजपा की पराजय ने पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी काफी उत्सुकता पैदा कर दी है। विदित हो कि पाकिस्तान में भी परम्परागत रूप से सत्तारुढ़ रहने वाली पार्टियों, पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी को क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान की पार्टी पाकिस्तांस तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) से चुनौती मिल रही है। इमरान को पाकिस्तान में साफ-सुथरी और भ्रष्टाचार मुक्त राजनीति के लिए जाना जाता है। 
 
भारत में आप की चुनावी सफलता से दुनिया के अन्य क्षेत्रों में भी ऐसे ही आंदोलन पैदा होंगे। अगर केजरीवाल और उनके साथियों ने जो वादे किए हैं, उन्हें वे पूरा करने में सफल होते हैं तो आप एक वैश्विक भ्रष्टाचाररोधी सफलता का पैमाना स्थापित कर  सकती है। 

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