किरण, केजरीवाल : किसमें कितना है दम...

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा के लिए चुनावी शंख फूंका जा चुका है और सभी दल अपने-अपने योद्धाओं की ताकत की थाह लेने में जुटे हैं। इसी बीच, किरण बेदी के रूप में भाजपा के हाथ एक 'बड़ा हथियार' लग गया है। सोशल मीडिया पर भी K बनाम K की जंग शुरू हो गई है। 

अन्ना आंदोलन में अरविन्द केजरीवाल की पूर्व सहयोगी रहीं किरण ने 'भगवा ध्वज' थामकर इस मुकाबले को काफी रोचक बना दिया। हालांकि हकीकत चुनाव परिणाम के बाद ही पता चलेगी, लेकिन सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों पर लोगों ने दोनों के बीच तुलना भी शुरू कर दी है। 
 
यदि हम इन दोनों शीर्ष नेताओं के बीच समानता देखें तो दोनों ही के नाम में हिन्दी का 'क' और अंग्रेजी का 'K' अक्षर आता है। हालांकि किरण के नाम में के आता है, जबकि अरविन्द के सरनेम केजरीवाल में के आता है। दोनों ही आईआईटी से पढ़े हुए हैं। किरण बेदी जहां आईआईटी दिल्ली से पढ़ी हुई हैं, जबकि अरविन्द केजरीवाल आईआईटी खड़गपुर से। एक का चयन भारतीय पुलिस सेवा के लिए हुआ था, तो दूसरे यानी केजरीवाल का चयन भारतीय राजस्व सेवा के लिए।
कौन किस पर कितना भारी है... पढ़ें अगले पेज पर....
 

यदि शिक्षा की बात की जाए तो किरण बेदी पीएचडी हैं, जबकि केजरीवाल स्नातक हैं। अनुभव के मामले में भी बेदी केजरीवाल से काफी आगे हैं। किरण बेदी का अनुभव जहां 40 साल लंबा है, वहीं केजरीवाल का महज 5 वर्ष। अपने सेवाकाल के दौरान किरण को 'सुपर कॉप' के तौर पर जाना जाता था, जबकि केजरीवाल की गिनती एक नाकाम अधिकारी के रूप में होती थी। 
 
किरण बेदी तिहाड़ जेल की जेलर रह चुकी हैं, वहीं केजरीवाल अपने आंदोलन के दौरान कैदी के रूप में तिहाड़ जेल गए थे। आमतौर पर केजरीवाल को खांसते हुए देखा जाता है। इस आधार पर भी दोनों की तुलना की जा रही है। इसके मुताबिक किरण बेदी की छवि एक सख्त (Tough) पुलिस अधिकारी की रही है, जबकि केजरीवाल खांसी (Cough) पीड़ित हैं। 
 
हालांकि इस तुलना की हकीकत तो 10 फरवरी को पता चलेगी, जब दिल्ली विधानसभा चुनाव का परिणाम मतदान मशीनों से बाहर आएगा। तब तक आप भी तुलना करिए और इससे कुछ अलग मिलता है तो हमें भी अवगत कराइए।

वेबदुनिया पर पढ़ें