'हमेशा साथ निभाने' वाली पत्नी के योगदान को नहीं भूले केजरीवाल

मंगलवार, 10 फ़रवरी 2015 (16:11 IST)
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव में शानदार जीत से उत्साहित समर्थकों से घिरे आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल इस ऐतिहासिक मौके पर अपनी पत्नी सुनीता के योगदान को नहीं भूले और 'हमेशा साथ निभाने' के लिए बड़ी आत्मीयता से उन्हें गले लगा लिया।
सुनीता से केजरीवाल की मुलाकात मसूरी में राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी में हुई थी जहां दोनों भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) में उत्तीर्ण होने के बाद प्रशिक्षण हासिल कर रहे थे।
 
अपनी पार्टी की शानदार जीत के बाद जब केजरीवाल पहली बार पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे तो भावविभोर नजर आ रहीं सुनीता खामोशी के साथ उनके साथ खड़ी थीं। सुनीता खुद भी आईआरएस अधिकारी हैं।
 
पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा कि सुनीता के सतत समर्थन और समझ के बिना यह जीत संभव नहीं होती।
 
उन्होंने कहा, 'वह कभी सामने नहीं आईं लेकिन वह हमेशा साथ थीं। यदि वह साथ नहीं होती तो मेरे लिए कुछ भी हासिल करना संभव नहीं होता।' केजरीवाल अक्सर बड़ी आत्मीयता के साथ उस दिन को याद करते हैं जब उन्होंने सुनीता के समक्ष अपना प्रेम प्रस्ताव रखा था,  'एक दिन अकादमी में मैंने उनके दरवाजे पर दस्तक दी और उनके सामने प्रेम प्रस्ताव रख दिया। उन्होंने कहा , हां।'  

केजरीवाल दंपति के दो बच्चे हैं। बेटी हषिर्ता आईआईटी दिल्ली में अध्ययनरत हैं और बेटा पुलकित स्कूल में पढ़ रहा है। केजरीवाल की एक छोटी बहन और एक भाई हैं। वह कौशाम्बी में अपने माता पिता के साथ एक फ्लैट में रहते हैं जो बतौर आईआरएस अधिकारी उनकी पत्नी को मिला हुआ है।(भाषा)
 

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