Discussion on post of Chief Minister in Delhi intensifies : दिल्ली विधानसभा चुनाव में शानदार जीत हासिल करने के बाद भारतीय जनता पार्टी में मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर शनिवार को चर्चा तेज हो गई। पार्टी ने 26 साल से अधिक समय के बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी करते हुए 70 सदस्यीय विधानसभा में 48 सीट जीती हैं। प्रवेश वर्मा की राजनीतिक लोकप्रियता नई दिल्ली सीट से आम आदमी पार्टी (AAP) उम्मीदवार अरविंद केजरीवाल पर 4,089 मतों से मिली शानदार जीत के साथ ही आसमान छूने लगी है, जिससे वह भाजपा की आगामी सरकार में शीर्ष पद के संभावित दावेदार बन गए हैं।
पार्टी नेताओं ने बताया कि भाजपा की ओर से चुनाव जीतने वालों में कई अनुभवी वरिष्ठ नेता भी शामिल हैं जो मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल हैं। दिल्ली में भाजपा के एक शीर्ष पदाधिकारी ने बताया, इनमें आशीष सूद और पूर्व राज्य महासचिव (संगठन) पवन शर्मा शामिल हैं।
जनकपुरी से 18,766 मतों से जीतने वाले सूद एक वरिष्ठ नेता हैं, जिन्हें दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में भाजपा के शासन के दौरान प्रशासनिक मामलों का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त हुआ है। वह गोवा के लिए भाजपा के प्रभारी और पार्टी की जम्मू-कश्मीर इकाई के सह-प्रभारी भी हैं। भाजपा नेताओं ने बताया कि उत्तम नगर से 29,740 मतों से जीतने वाले शर्मा भी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे हैं।
वह वर्तमान में असम के लिए भाजपा के सह-प्रभारी हैं। मुख्यमंत्री पद के अन्य दावेदारों में दिल्ली भाजपा के पूर्व अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता और सतीश उपाध्याय शामिल हैं। पिछली दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता गुप्ता ने रोहिणी से 37,816 मतों से जीत दर्ज कर जीत की हैट्रिक बनाई।
भाजपा नेताओं ने कहा कि नई दिल्ली नगरपालिका परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष उपाध्याय के आरएसएस नेतृत्व के साथ घनिष्ठ संबंध हैं। भाजपा नेताओं ने इस संभावना से भी इनकार नहीं किया कि पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व दिल्ली के मुख्यमंत्री पद के लिए किसी महिला उम्मीदवार पर दांव लगा सकता है।
उन्होंने कहा कि इस मामले में रेखा गुप्ता और शिखा राय दो वरिष्ठ नेता हैं जिन पर विचार किया जा सकता है। राय ने ग्रेटर कैलाश से आप के वरिष्ठ नेता सौरभ भारद्वाज को 3,188 मतों से हराया, जबकि गुप्ता शालीमार बाग से 29,000 से अधिक मतों से जीती हैं।
दिल्ली भाजपा नेताओं के एक वर्ग ने कहा कि यदि राष्ट्रीय नेतृत्व विधायक दल के सदस्यों के बाहर से किसी को चुनता है, तो कुछ मौजूदा सांसदों पर भी विचार किया जा सकता है, जैसे पूर्वी दिल्ली के सांसद एवं केंद्रीय मंत्री हर्ष मल्होत्रा और उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सांसद एवं प्रमुख पूर्वांचली चेहरा मनोज तिवारी।
इस बीच भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि मुख्यमंत्री चुनने का फैसला पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व लेगा। उन्होंने कहा कि सभी नवनिर्वाचित विधायक पार्टी द्वारा सौंपी गई जिम्मेदारियों का निर्वहन करने में सक्षम हैं। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour