दिल्ली में अटल पुनर्वास योजना की घोषणा

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दिल्ली भाजपा ने 'दस दिन-दस इरादे' कार्यक्रम के नौवें दिन प्रवासियों के लिए अटल पुनर्वास योजना की घोषणा की। शुक्रवार को प्रदेश कार्यालय मे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने प्रवासियों के लिए अटल बिहारी वाजपेयी पुनर्वास योजना की घोषणा करते हुए कहा कि आधुनिक युग में आंतरिक प्रवासी विश्वस्तरीय समस्या है लेकिन अनेक देशों ने इस समस्या का वैज्ञानिक और मानवीय हल निकालकर प्रवासियों को सम्पदा के रूप में अपनाया है।

उन्होंने कहा कि भारत में आंतरिक प्रवासी समस्या को कांग्रेस सरकार ने शहरों पर बोझ के रूप में माना है और प्रवासियों के साथ सौतेला और अमानवीय व्यवहार कांग्रेस शासित राज्यों में किया जाता है। राजनाथ ने कहा कि यही कारण है कि दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित दिल्ली में आने वाले पूर्वांचली, उत्तरांचली आदि प्रवासियों को दिल्ली पर भार मानकर उन्हें समय-समय पर अपमानित और प्रताड़ित किया है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली की कांग्रेस सरकार का मानना है कि यहां के 36 प्रतिशत संसाधनों पर पूर्वांचलियों ने कब्जा कर रखा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में 360 गांव और 45 पुनर्वास कालोनियां हैं और इनमे कुल मिलाकर दिल्ली की 49 प्रतिशत आबादी निवास करती है।

सिंह ने कहा कि भाजपा सत्ता में आने पर इन लोगों को सम्मानजनक जीवनयापन करने, जीविका कमाने और दिल्ली में आवास बनाने का मौका देगी और इसके लिए एक प्रवासी आयोग गठित किया जाएगा। इस अवसर पर भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार डॉ. हर्षवर्धन और प्रदेश अध्यक्ष जिय गोयल भी उपस्थित थे।

प्रवासियों को मिलेंगी ये सुविधाऐं
* नियमों का सरलीकरण करके अनधिकृत(अनियोजित) कालोनियों को सभी बुनियादी सुविधाऐं दी जाऐंगी।
* मानवीय आधार पर पक्के मकान बनाकर पात्र लोगों को पट्टे पर आवंटन।
* सभी 45 पुनर्वास कॉलोनियों के निवासियों को उनके आवासों का मालिकाना हक तर्कसंगत शर्तों पर।
* गांवों को सुविधा संपन्न बनाकर अत्याधुनिक शहरी गांवों में बदला जाएगा।
* गांवों और कृषि योग्य भूमि के उन्नयन और विकास के लिए राजधानी ग्रामीण विकास बोर्ड का गठन।
* गांवों में रहने वाले भूमिहीन और आवासहीन लोगों को रोजगार, स्वरोजगार तथा आवास उपलब्ध कराए जाऐंगे।
* आबादी की समस्या को गांवों में समायोजित करने के लिए लाल डोरा क्षेत्र का जरूरत के आधार पर विस्तार।
* दिल्ली लैण्ड रिफार्म एक्ट की धारा 81 और 33 में जरूरत के आधार पर सुधार किया जाएगा ताकि किसानों और गांववालों का उत्पीड़न समाप्त हो सके।
* 100 मीटर या उससे कम के प्लॉट पर नक्शा पास कराने की अनिवार्यता समाप्त की जाएगी।

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