Delhi Violence: दंगों के बाद से ही बैंक और एटीएम बंद, उत्तर-पूर्व दिल्ली के कुछ इलाकों में नकदी संकट
सोमवार, 2 मार्च 2020 (07:44 IST)
नई दिल्ली। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़के सांप्रदायिक दंगों के करीब 1 हफ्ते बाद रविवार को भी स्थिति शांत पर तनावपूर्ण बनी हुई है। इन इलाकों में भारी पुलिस बल की तैनाती जारी है। इस बीच गोकलपुरी और शिवविहार इलाके के नाले से 4 और शव बरामद किए गए। हालांकि पुलिस के अनुसार यह स्पष्ट नहीं कि शवों का संबंध दंगों से है या नहीं? प्रशासन ने मौतों के आंकड़ों को अद्यतन नहीं किया है।
उधर उत्तर-पूर्व दिल्ली के कुछ इलाकों में लोगों ने नकदी संकट की शिकायत की है, क्योंकि दंगों के बाद से इलाके के बैंक और एटीएम बंद पड़े हैं। दिल्ली पुलिस ने बताया कि उसने मामले में अब तक 254 प्राथमिकी दर्ज की है और 903 लोगों को हिरासत में लिया है या गिरफ्तार किया है। शस्त्र कानून के तहत 41 मामले दर्ज किए गए हैं।
अधिकारी ने बताया कि गत 3 दिन में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में किसी अप्रिय घटना की कोई सूचना नहीं है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान नहीं देने और इसकी सूचना प्रशासन को देने का आह्वान किया है।
पुलिस ने बताया कि गोकलपुरी इलाके में रविवार को नाले से 3 शव और शिवविहार के नाले से 1 शव बरामद किया गया है। उन्होंने बताया कि हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि शवों का संबंध दंगों से है या नहीं? प्रशासन ने मौतों के आंकड़ों को अद्यतन नहीं किया है।
दिल्ली मेट्रो ने बंद किए 7 स्टेशन : उल्लेखनीय है कि बुधवार से अब तक खुफिया विभाग के कर्मचारी अंकित सहित कई दंगा पीड़ितों के शव नाले से बरामद किए गए हैं। पश्चिमी दिल्ली के विभिन्न इलाकों में रविवार को उस समय अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया, जब हिंसा की झूठी खबर फैली। इसके चलते दिल्ली मेट्रो ने भी बिना कारण बताए 7 स्टेशनों को बंद कर दिया, हालांकि पुलिस ने तुरंत इसका खंडन किया और लोगों से संयम बनाए रखने की अपील की।
श्रीश्री रविशंकर ने किया दौरा : 'आर्ट ऑफ लिविंग' के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर ने ब्रह्मपुरी सहित कुछ दंगा प्रभावित इलाकों का दौरा किया और गत 3 दशक में हुई सबसे भीषण हिंसा में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना जताई। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि यह देखना बहुत दुखद है कि इतने सारे लोग हिंसा से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। हमें उन्हें इस सदमे से निकालना होगा और उनके जीवन को वापस पटरी पर लाना होगा। उत्तर-पूर्वी दिल्ली जिले में स्कूलों को 7 मार्च तक बंद कर किया गया है।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने रविवार को कहा कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में बोर्ड परीक्षाएं कराने में और देरी से मेडिकल और इंजीनियरिंग जैसे पेशेवर पाठ्यक्रमों में प्रवेश के छात्रों के अवसर प्रभावित हो सकते हैं। हालांकि बोर्ड उन छात्रों के लिए फिर से परीक्षा कराने को तैयार हैं, जो उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा के चलते तय कार्यक्रम के अनुसार बोर्ड परीक्षाओं में नहीं बैठ पाए थे।
जाफराबाद निवासी आदिल खान ने बताया कि यमुना विहार के बी ब्लॉक स्थित कई बैंक शाखाएं और एटीएम 23 फरवरी को सांप्रदायिक दंगे शुरू होने के बाद से बंद हैं। हिंसा से सबसे अधिक प्रभावित शिवविहार में मोबाइल रिचार्ज की दुकान चलाने वाले 27 वर्षीय मोहम्मद आलम ने बताया कि उनकी दुकान गत 4 दिनों से बंद है।
एटीएम बंद होने से नकदी संकट : उन्होंने कहा कि बैंक और एटीएम बंद होने से कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। लोगों के पास नकदी नहीं है। मुस्तफाबाद में रहने वाले कैलाश कुमार ने कहा कि उनका परिवार उत्तरप्रदेश के गाजीपुर स्थित पैतृक घर जाना चाहता है लेकिन यात्रा के लिए वे पैसे नहीं निकाल पा रहे हैं।
कुमार ने बताया कि बैंक और एटीएम के साथ अधिकतर किराना दुकान भी बंद है और आवश्यक वस्तुओं की कमी हो गई है। उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर, चांद बाग, शिवविहार, भजनपुरा, यमुना विहार और मुस्तफाबाद इलाके में हुई हिंसा में कम से कम 42 लोगों की मौत हुई है और करीब 200 लोग घायल हुए हैं।
संपत्ति का भारी नुकसान : हिंसा में संपत्ति का भारी नुकसान हुआ है। हिंसक भीड़ ने घरों, दुकानों, वाहनों और पेट्रोल पंप में आग लगा दी थी और स्थानीय लोगों और पुलिसकर्मियों पर पथराव किया था। पुलिस ने बताया कि वह हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च कर रही है। हालांकि संकरी गलियों में खामोशी छाई हुई है, जहां पर 1 हफ्ते पहले तक रेहड़ी-पटरी की दुकानें लगती थी और लोगों की भीड़ हुआ करती थी।
हिंसा से सबसे अधिक प्रभावित इलाकों में एक शिवविहार में सड़कें सूनी हैं और लगभग सभी घर बंद हैं। मुस्तफाबाद में लोग अपने घरों से बाहर निकलने में सतर्कता बरत रहे हैं। मोहम्मद यूनुस (45) ने कहा कि पुलिस की मौजूदगी के बाद तनाव बना हुआ है। हम लोग ईद, होली, दिवाली साथ मनाते थे। मैंने अपने जीवन में कभी ऐसे हालात का सामना नहीं किया है। जो हिंसा में शामिल थे, वे इस इलाके से नहीं थे, वे बाहर से आए थे।
यूनुस की शिवविहार में कपड़ों की दुकान है। उन्होंने कहा कि हिंसा के दौरान उन्हें उनके हिन्दू पड़ोसियों ने बचाया और दंगाइयों से मेरी दुकान को बचाने के लिए उन्होंने बाहर बोर्ड पर लिखे दुकान के नाम को मिटा दिया। इससे पहले दिन में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आप सरकार दंगा प्रभावित लोगों को मदद पहुंचाने के लिए सर्वोत्तम पहल करेगी।
केजरीवाल का ट्वीट : ट्विटर के जरिए केजरीवाल ने कहा कि जरूरतमंद लोगों तक राहत पहुंचे, यह सुनिश्चित करने के लिए वे व्यक्तिगत रूप से कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि लोग अपने घरों में लौट आएं और पड़ोसी उनका स्वागत करें।
हिंसा के दौरान लापता हुए लोगों के परेशान रिश्तेदारों की जीटीबी अस्पताल के शवगृह के सामने कतारें लगी हुई हैं, जहां पर दंगा पीड़ितों के शव रखे गए हैं। अपने 25 वर्षीय सबसे छोटे भाई सलमान की तस्वीर लिए हुए शवगृह पहुंची नबी जान उम्मीद कर रही है कि मृतकों में उनका भाई नहीं हो।
नबी जान ने बताया कि सलमान मजदूरी करता है और 26 फरवरी को गोकलपुरी गया था। वह फोन रखता था लेकिन वह बंद आ रहा है और यह नहीं पता चल रहा कि उसके साथ क्या हुआ? उन्होंने बताया कि शवगृह में मौजूद शवों में उनके भाई का शव नहीं है।
उत्तर-पूर्वी दिल्ली के मुस्तफाबाद से एक महिला का 19 वर्षीय बेटा लापता है। जब उसने शवगृह में शव देखा तो बेहोश होकर गिर गई, हालांकि बाद में परिवार ने पुष्टि की कि यह महिला के बेटे का शव नहीं है। सूत्रों ने बताया कि शनिवार तक शवगृह में मौजूद 6 लाशों की पहचान नहीं हो सकी थी, बाद में 2 की पहचान हुई और परिवार ने दावा किया कि 1 शव जली हुई हालत में है।
वकील ममतेश शर्मा और पैरा लीगल स्वयंसेवी आशा मित्तल ने शहादरा जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण का सहायता केंद्र स्थापित किया है और वह परिवार के लापता सदस्यों की जानकारी लेने आने वाले लोगों की मदद करने और अस्पताल प्रशासन और पुलिस में समन्वय का काम कर रहा है।
शर्मा ने बताया कि अब तक 35 परिवारों ने हमसे संपर्क किया है। कुछ शवों की पहचान हो चुकी है तथा बाकी को हमने बताया कि वे उन वार्ड में जाए, जहां पर घायलों को भर्ती कराया गया है। हम पुलिस से भी समन्वय कर रहे हैं ताकि यह पता चल सके कि कोई लापता व्यक्ति पुलिस की हिरासत में तो नहीं है?
इस बीच मानव अधिकार कार्यकर्ताओं ने दिल्ली पुलिस के आयुक्त को पत्र लिखकर कानून के अनुरूप उन लोगों के नाम और पते बताने की मांग की है जिन्हें राष्ट्रीय राजधानी में हुई हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है या हिरासत में लिया गया है।
इस पत्र पर नेशनल कैम्पेन फॉर पीपुल्स राइट टू इंफॉर्मेशन की सह समन्वयक अंजलि भारद्वाज, अधिवक्ता प्रशांत भूषण, भाकपा नेता एन्नी राजा, अमृता जौहरी और अन्य ने हस्ताक्षर किए हैं। दिल्ली पुलिस के कार्यवाहक आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने दिल्ली में हिंसा के दौरान घायल हुए डीसीपी अमित शर्मा से रविवार को मुलाकात कर सेहत की जानकारी ली।
अमूल्य पटनायक के शनिवार को सेवानिवृत्त होने के बाद दिल्ली पुलिस आयुक्त का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे श्रीवास्तव ने पटपड़गंज में मैक्स अस्पताल पहुंचकर शर्मा के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। शर्मा 24 फरवरी को गोकलपुरी में हुई हिंसा के दौरान घायल हो गए थे।
एक पारिवारिक मित्र ने बताया कि उनकी सेहत में सुधार है और उन्हें आज वार्ड में स्थानांतरित किए जाने की उम्मीद है। उनकी सर्जरी हुई है। अब वे खाना खा रहे हैं और गंभीर चोट से उबर रहे हैं।