नई दिल्ली। पूरी दुनिया में बहादुर सिख कौम की मिसालें दी जाती हैं। जब भी कोई संकट आता है, तब सबसे पहले यही कौम मानवता की सेवा के लिए आगे आती है और बिना किसी प्रचार के अपना काम करती है। दिल्ली में जब मानवता और इंसानियत मरती जा रही थी, तभी एक बहादुर सिख ने खुद की पगड़ी पहनाकर एक मुस्लिम की जान बचाई।
भाईचारे की मिसाल पेश करने का यह मामला दिल्ली के भजनपुरा का है। यहां पर उन्मादी भीड़ ने जब जियाउद्दीन नामक मुस्लिम को घेर लिया, तब जिंदर सिंह सिद्धू नामक एक सिख मसीहा बनकर सामने आ गया और उसने अपनी जान की परवाह किए बगैर उसे बचाया।
यदि जिंदर जियाउद्दीन को नहीं बचाते तो वह भी दिल्ली दंगों में मरने वालों की सूची में शामिल हो जाता। भीड़ से बचाकर जियाउद्दीन को वे अपने घर ले गए और आश्वासन दिया कि वे बेखौफ रहें, यहां किसी की ताकत नहीं है कि वह मेरे घर में घुस आए।
जिंदर जानते थे कि यदि वे जियाउद्दीन को खुले में ले गए तो उन्मादी भीड़ से घिर जाएंगे। इसका दूसरा तरीका उन्होंने यह निकाला कि अपनी पगड़ी जियाउद्दीन को पहना दी ताकि वह सरदार लगे। यही नहीं ऊपर से उसे हैलटमेट भी पहना दिया, ताकि उसकी मुस्लिम होने की पहचान छुपाई जा सके।