इस संबंध में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में यह कहा गया था कि 'विश्व ध्यान दिवस' पर प्रस्ताव को अपनाने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका 'वसुधैव कुटुम्बकम' के अनुरूप हमारे सभ्यतागत सिद्धांत तथा संपूर्ण मानव कल्याण और इस दिशा में विश्व के नेतृत्व के प्रति उसकी दृढ़ प्रतिबद्धता का प्रमाण है। फिर लिकटेंस्टीन द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव को आइसलैंड, लक्जमबर्ग, बांग्लादेश, बुल्गारिया, बुरुंडी, मॉरीशस, मोनाको, मोरक्को, पुर्तगाल, डोमिनिकन गणराज्य, मंगोलिया और स्लोवेनिया ने भी सहप्रायोजित किया था।