दीपावली के एक दिन पहले मनाया जाने वाला रूप चतुर्दशी का पर्व, देशभर के अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग तरीकों से मनाई जाती है। जानिए कहां-कहां, कैसे मनाई जाती है रूप चतुर्दशी और क्या है प्रचलित कथाएं -
1 आम तौर पर सूर्योदय से पहले उठकर उबटन, तेल व स्नान करना एवं शाम के समय यम का दीपक लगाना, रूप चतुर्दशी पर प्रचलित पंरपरा है, जो देश भर के कई हिस्सों में अपनाई जाती है।
5 इस दिन हनुमान जी की विशेष पूजा भी की जाती है, एवं कुछ लोग इस दिन को हनुमान जी का जन्मोत्सव भी मानते हैं। बचपन में हनुमान जी ने सूर्य को खाने की वस्तु समझ कर अपने मुंह में ले लिया था। इस कारण चारों और अंधकार फैल गया। बाद में सूर्य को इंद्र देवता ने मुक्त करवाया था।