धनतेरस विशेष : आश्चर्यजनक धन लाभ देते हैं दुर्लभ कुबेर मंत्र
धनतेरस पर कुबेर को प्रसन्न करने के लिए उनकेे विशेष मंत्रों का जप किया जाता है। प्रस्तुत है कुबेर के सिद्ध विलक्षण मंत्र-आश्चर्यजनक धन लाभ देते हैं यह दुर्लभ कुबेर मंत्र....कुबेर धन के अधिपति यानि धन के राजा हैं। पृथ्वीलोक की समस्त धन संपदा का एकमात्र उन्हें ही स्वामी बनाया गया है। कुबेर भगवान शिव के परमप्रिय सेवक भी हैं। कुबेर को मंत्र -साधना द्वारा प्रसन्न करने का विधान बताया गया है।
कुबेर मंत्र को दक्षिण की और मुख करके ही सिद्ध किया जाता है।
अस्य श्री कुबेर मंत्रस्य विश्वामित्र ऋषि:वृहती छन्द: शिवमित्र धनेश्वरो देवता समाभीष्टसिद्धयर्थे जपे विनियोग:
हवन कैसे करें - तिलों का दशांस हवन करने से प्रयोग सफल होता है। यह प्रयोग शिव मंदिर में करना उत्तम रहता है। यदि यह प्रयोग बिल्वपत्र वृक्ष की जड़ों के समीप बैठ कर हो सके तो अधिक उत्तम होगा। प्रयोग सूर्योदय के पूर्व संपन्न करें।
विशेष मंत्र : मनुजवाह्य विमानवरस्थितं गुरूडरत्नानिभं निधिनाकम्।
शिव संख युक्तादिवि भूषित वरगदे दध गतं भजतांदलम्।।
कुबेर के 3 सिद्ध विलक्षण मंत्र- इन मंत्रों में से आप किसी एक का चयन कर सकते हैं।
इन तीनों में से किसी भी एक मंत्र का जप दस हजार होने पर दशांश हवन करें या एक हजार मंत्र अधिक जपें। इससे यंत्र भी सिद्ध हो जाता है। वैसे सवा लाख जप करके दशांश हवन करके कुबेर यंत्र को सिद्ध करने से अनंत वैभव की प्राप्ति होती है।